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नींदड़ बचाओ आंदोलन : CM आवास घेरने निकले किसानों को रोका, पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप

नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति के संयोजक नगेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि नींदड़ के किसान अपने हक व जमीन की रक्षा के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हैं।

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ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प। फोटो- पत्रिका

जयपुर-सीकर रोड पर सरकार द्वारा अवाप्त की गई 1350 बीघा कृषि भूमि पर बसाई जाने वाली नींदड़ आवासीय योजना को निरस्त करने की मांग को लेकर चल रहे धरने के दौरान शनिवार को ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने लाठी के दम पर धरनास्थल खाली कराने की कोशिश की। ग्रामीणों ने पुलिस पर लाठीचार्ज का भी आरोप लगाया है। वहीं कई ग्रामीणों को हिरासत में लिए जाने की भी सूचना है।

इससे पहले शुक्रवार को किसानों ने मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास घेराव करने का सामूहिक रूप से निर्णय किया था, लेकिन शुक्रवार तड़के ही पुलिस ने धरना स्तर पर डेरा डाल लिया। इस दौरान एडिशनल एसपी आलोक सिंघल, चौमूं एसीपी उषा यादव, हरमाड़ा थानाधिकारी उदय भान सिंह यादव, विश्वकर्मा थानाधिकारी, दौलतपुरा पुलिस सहित पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता भी मौके पर तैनात रहे। इस दौरान पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास के घेराव करने जा रहे किसानों को बेरिकेड्स लगाकर रोक लिया। इसके बाद शनिवार को ग्रामीणों और बीच के बीच तकरार हो गई।

आंदोलनकारियों ने लिया डटे रहना का संकल्प

नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति के संयोजक नगेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि नींदड़ के किसान अपने हक व जमीन की रक्षा के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हैं। सरकार पुलिस प्रशासन के माध्यम से हमारे आंदोलन को दबाना चाहती है, लेकिन हम किसी भी सूरत में धरनास्थल से नहीं हटेंगे। किसानों का कहना है कि हम तब तक डटे रहेंगे, जब तक कृषि भूमि की अवाप्ति की प्रक्रिया पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाती।

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इस दौरान किसान परिवार की महिलाएं विभिन्न नारे लिखी तख्तियां लेकर धरनास्थल पर ही डटी रहीं। किसानों ने कहा कि अबकी बार आर-पार की लड़ाई होगी। शेखावत ने बताया कि किसानों की 1350 बीघा कृषि भूमि सरकार व जेडीए जबरन अवाप्त करना चाह रही है। किसानों के हितों को देखते हुए योजना को निरस्त किया जाए या वर्तमान दर से मुआवजा राशि दी जाए। किसान 297 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं।


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