सब रजिस्ट्रर व डीआइजी ऑफिस जा रहे लोग, नहीं हो रही सुनवाई
नोटिस लेकर लोग सब रजिस्ट्रार व डीआइजी ऑफिस जा रहे हैं मगर उनकी सुनवाई नहीं हो रही। उन्हें केवल एक ही बात कही जा रही है कि वे रकम जमा करवाएं। मूल राशि और ब्याज दोनों जमा करवाना जरूरी है। लोगों का कहना है कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। मगर कोई सुनने वाला नहीं है। पुलिस में एफआइआर दर्ज करवाई है। वहां भी मामला आगे नहीं बढ़ा। इधर, नोटिस की तय मियाद खत्म होती जा रही है।
लोग यों हो रहे परेशान
सांगानेर निवासी सीताराम यादव (40) ने बताया कि पिछले साल दिसम्बर माह में डेढ़ बीघा जमीन की रजिस्ट्री करवाई थी। पांच लाख 28 हजार का चालान कटवाया था। रजिस्ट्री करवाकर सब रजिस्ट्रार की रसीद भी ली थी। अब नोटिस आया है कि साढ़े 13 हजार ही जमा है, पांच लाख चौदह हजार और जमा करवाए। हमने कलक्ट्रेट में अर्जुन चौधरी से चालान कटवाया था। वह व्यक्ति मिल नहीं रहा है, अब दुबारा पैसा कहां से जमा करवाएं।
इधर, विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों पर कब होगी कार्रवाई?
इस पूरे प्रकरण में डीड राइटर व अन्य जितने जिम्मेदार हैं, उससे अधिक जिम्मेदारी पंजीयन विभाग के सब रजिस्ट्रार व अधीनस्थ कर्मचारियों की है। रजिस्ट्री करने से पहले ई-चालान के नंबर को क्यों नहीं देखा गया कि क्या उससे पूरा पैसा सरकार के खाते में जमा हुआ या नहीं? बगैर सरकार के खाते में राशि देखे केवल डीड राइटर्स के कहने पर रजिस्ट्री कैसे कर दी गई। यह भी संभावना है कि यह पूरा खेल विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत से ही हुआ हो। विभाग लोगों को नोटिस भेजकर कार्रवाई की बात कहकर धमका रहा है, मगर अपने कर्मचारियों और डीड राइटर्स पर कार्रवाई कब की जाएगी?