
जयपुर का हिंगोटी गांव, मिलेंगे हजारों कौवे। पत्रिका फोटो
Shradh Paksha 2025 : आम दिनों में घर की मुंडेर पर कौवों की कांव-कांव लोगों को भले ही पसंद न आए, लेकिन श्राद्ध पक्ष में इन्हीं कौवों की प्रतीक्षा हर कोई करता है, लेकिन हिंगोटी गांव के लोगों को कौवे सहज उपलब्ध होते हैं। तूंगा-महादेवपुरा मार्ग स्थित हिंगोटी ग्राम्य वन में हजारों कौवे हैं।
ग्रामीणों का दावा है कि यहां दस हजार से अधिक कौवे हर दिन एकत्र होते हैं। पर्यावरण प्रेमियों के अथक प्रयासों से हिंगोटी ग्राम्य वन कौवों और अन्य पक्षियों का सुरक्षित आवास बन चुका है। यहां प्रतिदिन 30 किलो पोहे पकाकर कौवों को परोसे जाते हैं। पेयजल के लिए परिंडे टांगे गए हैं। श्मशान की अनुपयोगी मटकियों को घोंसले का रूप देकर पक्षियों के आश्रय की भी व्यवस्था की गई है।
पर्यावरण प्रेमी शिवशंकर प्रजापति बताते हैं कि यहां का पूरा प्रबंधन जनसहयोग से चलता है। स्थानीय लोग चुग्गा और पानी लेकर आते हैं, चरुण्डियों की सफाई करते हैं और पक्षियों की देखभाल करते हैं। वहीं रामभजन गुर्जर पेड़ों की रखवाली की नि:शुल्क करते हैं। श्राद्ध पक्ष और अमावस्या पर यहां मेले जैसा माहौल बन जाता है।
यह क्षेत्र सिर्फ कौवों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां अनेक प्रजातियों के पक्षी, नीलगाय, सियार, लोमड़ी, खरगोश, नेवला और गिरगिट जैसे जीव-जंतु विचरण करते हैं।
Published on:
08 Sept 2025 08:21 am
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