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‘हमारी सरकार गिराने में हनुमान-किरोड़ी दोनों शामिल थे’, गहलोत ने खोले नए राज; SI भर्ती पर भी किया खुलासा

Rajasthan Politics: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान भजनलाल सरकार और विपक्षी नेताओं पर जमकर निशाना साधा।

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Ashok Gehlot

फोटो- एक्स हैंडल

Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान वर्तमान भजनलाल सरकार, बीजेपी और विपक्षी नेताओं किरोड़ी लाल मीणा और हनुमान बेनीवाल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने के फैसले को लेकर भजनलाल सरकार के रवैये पर सवाल उठाए और इसे सरकार का 'दोहरा चरित्र' करार दिया।

इसके अलावा, गहलोत ने अपनी पिछली कांग्रेस सरकार को गिराने की कथित साजिश में हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी लाल मीणा की भूमिका का भी जिक्र किया।

हाई कोर्ट के फैसले पर दोहरा रवैया

दरअसल, अशोक गहलोत ने राजस्थान हाई कोर्ट के सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर दिए गए फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब हाई कोर्ट ने सरकार से इस मामले में फैसला लेने को कहा था, तब भजनलाल सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। गहलोत ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि भर्ती को रद्द नहीं करना चाहिए, लेकिन अब जब कोर्ट ने भर्ती रद्द कर दी तो सरकार इसका स्वागत कर रही है।

उन्होंने इसे सरकार की हिम्मत की कमी और दोहरे चरित्र का सबूत बताया। गहलोत ने कहा कि सरकार पेपर लीक करने वालों को खुश करने के लिए ऐसा कर रही थी। अब कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रही है, लेकिन खुद कोई फैसला लेने की हिम्मत नहीं दिखाई। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की गहन जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

गहलोत ने भजनलाल सरकार को नसीहत दी कि वह हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का निर्णय जनहित में ले। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में पारदर्शिता और जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।

अपनी सरकार के कदमों को याद किया

गहलोत ने अपनी सरकार के कार्यकाल में पेपर लीक के खिलाफ उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब रीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, तब उनकी सरकार ने SOG से इसकी जांच कराई और जनहित में पूरी परीक्षा रद्द कर दी थी। इसके बाद 35 हजार पदों को बढ़ाकर 50 हजार किया गया और दोबारा परीक्षा आयोजित कर शांतिपूर्ण ढंग से युवाओं को नौकरियां दी गईं।

गहलोत ने कहा कि पेपर लीक की समस्या केवल राजस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में फैली है। उन्होंने गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी पेपर लीक के गिरोह सक्रिय हैं। गहलोत ने बताया कि उनकी सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए कड़े कानून बनाए थे, जिसमें 10 करोड़ तक की पेनल्टी, आजीवन कारावास और संपत्ति कुर्क करने जैसे प्रावधान शामिल थे।

यहां देखें वीडियो-


बेनीवाल-किरोड़ी लाल पर सियासी हमला

इस दौरान गहलोत ने हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी लाल मीणा पर अपनी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी लाल मीणा दोनों दोस्त हैं और हमारी सरकार को गिराने की साजिश में शामिल थे। दोनों ने हेलिकॉप्टर से पूरे राजस्थान में घूमकर यह कोशिश की थी। दोनों को पुराना इतिहास है। गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार बच गई, जो एक बड़ी उपलब्धि थी। पैसे लेने की बात पर उन्होंने कहा कि इस पर बाद में चर्चा होगी।

कांग्रेस कार्यालय पर हमले की निंदा की

गहलोत ने बिहार में राहुल गांधी की यात्रा के दौरान हुई टिप्पणी और कांग्रेस कार्यालय पर हमले की घटना पर कहा कि किसी मनचले के मंच पर जाकर बयान देने पर कोई क्या कर सकता है, लेकिन ऐसे बयानों का वे विरोध करते हैं। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी की यात्रा को मिल रहे जबरदस्त समर्थन से बीजेपी घबराई हुई है। गहलोत ने कहा कि किसी पार्टी के कार्यालय पर जाकर प्रदर्शन करना गलत है और लोकतंत्र में ऐसी परंपराओं को बंद करना चाहिए।

जगदीप धनखड़ को लेकर क्या बोले?

अशोक गहलोत ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि पहले रिटायरमेंट की बात कहना और फिर उसे वापस लेना राजनीति में मतभेद की अहमियत को दर्शाता है। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि सभी उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।


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