
,,,,
पत्रिका न्यूज नेटवर्क/जयपुर। मोबाइल का ज्यादा उपयोग हर उम्र के लोगों को दर्द बांट रहा है। एसएमएस अस्पताल स्थित आरआरसी सेंटर समेत अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी में इससे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। टेक्स्ट नेक सिंड्रोम, कार्पन टनल सिंड्रोम और टेनोसिनोवाइटिस सिंड्रोम के केस बढ़ रहे हैं। इन मरीजों की गर्दन, कंधा, कोहनी, कलाई, कमर, पीठ, सिर और अंगुलियों में दर्द होता है। इसका कारण मोबाइल, लैपटॉप का ज्यादा उपयोग बताया गया है।
कोरोना काल में बढ़ गए थे दोगुने केस: रिहेबिलिटेशन मेडिसिन के विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे केस कोरोना काल में दोगुने हो गए थे। इसकी वजह वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन स्टडी बड़ा कारण माना गया था।
टेक्स्ट नेक सिंड्रोम: मोबाइल फोन और लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल से गर्दन और रीढ़ में दर्द होने लगता है। ज्यादा देर तक एक ही स्थिति में सिर झुका कर मैसेज करना, चैटिंग करना या फिर लैपटॉप पर काम करने से गर्दन, कंधा, अंगूठा और अंगुलियों में दर्द होता है।
टेनोसिनोवाइटिस: शारीरिक गतिविधियां कम होने से मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं और टेंडन में सूजन आ जाती है। इस वजह से पैर, जोड़ों, कमर में दर्द होता है।
कार्पल टनल सिंड्रोम: बहुत देर तक मोबाइल चलाने से अंगुली, कलाई, कोहनी में दर्द होता है। अंगुलियां सुन्न हो जाती हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ...मोबाइल का जरूरत से ज्यादा उपयोग शरीर के लिए नुकसानदायक है। लगभग 45 डिग्री तक झुके रहने से सिर का भार गर्दन पर पड़ता है। इससे गर्दन, कंधा और पीठ में दर्द होने लगता है। कई बार दर्द सीने तक पहुंच जाता है। लोग 20-20-20 का नियम भी अपनाते रहें। जिसमें प्रत्येेक 20 मिनट बाद 20 फीट दूरी पर 20 सेकंड तक देखते रहें। इससे आंखों पर भी दबाव कम होगा। 30 मिनट से ज्यादा सीटिंग नहीं करें।-डॉ. सुरेन्द्र आबूसरिया, सीनियर कंसलटेंट, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेबिलिटेशन
Published on:
03 Sept 2023 12:33 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
