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Weather News: नौतपा में तीव्र-पर्याप्त वर्षा के संकेत, फसलों को मिलेगी संजीवनी, जानें 9 दिन कैसे रहेंगे गर्मी के तेवर

राजस्थान में इस साल नौतपा 25 मई से दो जून तक रहेगा। इस अवधि में तापमान में औसतन बढ़ोतरी के साथ ही मौसम में कई बदलाव भी देखने को मिलेंगे।

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इस साल नौतपा 25 मई से दो जून तक

राजस्थान में इस साल नौतपा 25 मई से दो जून तक रहेगा। इस अवधि में तापमान में औसतन बढ़ोतरी के साथ ही मौसम में कई बदलाव भी देखने को मिलेंगे। ज्योतिषविदों के अनुसार नौतपा की अवधि में आधे समय गर्मी तेज पड़ेगी और आधी अवधि मेें वर्षा के योग बन रहे हैं। 25 मई की सुबह 9.31 बजे सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के समय का वाहन अश्व रहेगा और निवास रजक के घर में होगा। यह स्थिति समय पर तीव्र और पर्याप्त वर्षा का संकेत देती है।

ज्योतिषविदों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का मुय रूप से अधिपति ग्रह चंद्रमा है। सूर्य के चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने पर किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ने से तापमान बढ़ेगा। ज्योतिष में सूर्य सिद्धांत, श्रीमदभागवत कथा में भी इसका जिक्र है। अग्नि कारक ग्रह मंगल नौतपा में कर्क राशि में रहेगा।

खंडवृष्टि और अतिवृष्टि की संभावना

पं.पुरुषोत्तम गौड़, ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर 13 दिन तक रहता है। पहले नौ दिन की अवधि को नौतपा कहा जाता है। इस बार रोहिणी का निवास रजक के होने से नौतपा के शुरुआती दिनों में तेज गर्मी रहेगी। इसके बाद रोहिणी के गलने के आसार हैं। नौतपा के दौरान जयपुर का तापमान 45 से 48 डिग्री तक पहुंचने के आसार हैं। इससे पूर्वोत्तर भारत में भारी वर्षा के संकेत हैं। दक्षिण-पश्चिम भारत में खंडवृष्टि और अतिवृष्टि की संभावना बन रही है। बारिश कभी तेज, कभी धीमी हो सकती है, पर लगातार बनी रहेगी। यह स्थिति फसल, जल संग्रह और नदियों के भराव के लिए लाभकारी मानी जाती है।

ऐसे समझें

ज्योतिषाचार्य पं.मोहनलाल शर्मा ने बताया कि नौतपा की अवधि में चंद्रमा जिस राशि में होता है उसी के अनुरूप गर्मी का प्रभाव देखा जाता है। इस बार 28, 29 और 30 मई को मिथुन राशि में चंद्रमा रहेगा। इससे तेज गर्मी, 30 के बाद से मौसम में बदलाव होगा। सूर्य शुरू के पांच दिनों में खूब तपेगा। बाद में मौसम में अचानक परिवर्तन आएगा। एक जून को शुक्र ग्रह के स्वराशि वृषभ में अस्त होने के कारण उमस से हवा, आंधी चलने, बारिश के योग हैं। यदि इस अवधि में बीच में बारिश आए तो इसे रोहिणी का गलना कहते हैं।

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