अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार एसएमएस अस्पताल में उन ही कंपनियों के गाड्र्स को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसने राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट से 40 दिनों की ट्रेनिंग ली होगी। वर्तमान में एसएमएस अस्पताल में स्विफ्ट, एमआइटूसी, सहारा और रेस्को कंपनी के 449 गार्डस के जिम्मे सुरक्षा व्यवस्था है। इसमें से 26 गार्डस इमरजेंसी में तैनात है, लेकिन हाल में अस्पताल ने स्विफ्ट, एमआइटूसी कंपनी के 15-15 गार्डस को कम कर सहारा कंपनी के 30 गार्डस लगाए हैं। इन सभी 449 गाड्र्स पर 71 सुपरवाइजर है।
हाल में साउथ विंग सैकंड में आगरा से एक मरीज सफरुद्दीन भर्ती हुआ था। मरीज को क्रॉनिक किडनी डिसीज और प्रोटेस्ट कैंसर था। डॉक्टर ने मरीज की हालत के बारे में परिजनों को सूचित कर दिया था। एक घंटे बाद ही मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर से मारपीट शुरू कर दी। इससे कुछ दिन पहले ही गेस्ट्रो वॉर्ड में महिला की मौत पर परिजनों से डॉटरों की मारपीट हो गई थी। मारपीट की घटना के बाद जार्ड ने बाउंसर लगाने की मांग रखी। अस्पताल प्रशासन ने आनन फानन में 16 बाउंसर परिसर में लगा दिए, लेकिन बाउंसरों ने अगले ही मरीज के साथ मारपीट कर दी। इसके बाद चिकि त्सा मंत्री रघु शर्मा ने बाउंसरों को हटाने के निर्देश दिए।