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SMS अस्पताल अग्निकांड़: टीकाराम जूली बोले- ‘ये हादसा नहीं हत्या है…’; स्वास्थ्य मंत्री खींवसर का मांगा इस्तीफा

SMS Hospital Fire: राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के ICU में रविवार देर रात लगी भीषण आग के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है।

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Tikaram Jully
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फोटो- पत्रिका नेटवर्क

SMS Hospital Fire: राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के ICU में रविवार देर रात लगी भीषण आग के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है। इस दुखद हादसे में अब तक 8 मरीजों की जान चली गई। वहीं, कुछ गंभीर घायल हैं। घटना के बाद राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने इसे 'हादसा नहीं, हत्या' करार देते हुए राज्य सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।

उन्होंने मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लेने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और हादसे की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

टीकाराम जूली ने मांगा इस्तीफा

दरअसल, सोमवार सुबह टीकाराम जूली SMS अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर हादसे की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें सूचित किया कि आग लगने के दौरान अस्पताल का स्टाफ मरीजों को छोड़कर भाग गया। जूली ने कहा कि जब चिंगारी भड़की, तो स्टाफ को आग पर काबू पाने के उपाय करने चाहिए थे, लेकिन वे अपनी जान बचाने में व्यस्त थे। मरीजों को उनके परिजनों ने ही बचाया।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार और प्रशासन हादसों का इंतजार करता है? जूली ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह हादसा नहीं, हत्या है। यह सरकार की घोर लापरवाही का परिणाम है। शिक्षा और स्वास्थ्य राज्य की बुनियादी जरूरतें हैं, लेकिन इनका यह हाल है। स्वास्थ्य मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।

जूली ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने जांच समिति गठित कर दी है, लेकिन पूर्व अनुभवों के आधार पर यह स्पष्ट है कि जांच की गति धीमी होगी और लोग समय के साथ इस त्रासदी को भूल जाएंगे। उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।

'इसकी गहन जांच होनी चाहिए'

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया। अस्पताल पहुंचकर उन्होंने बचे हुए मरीजों और उनके परिजनों से बात की। गहलोत ने कहा कि राज्य में एक के बाद एक त्रासदियां हो रही हैं। पहले झालावाड़ में स्कूली बच्चों की मौत, फिर कफ सिरप विवाद, और अब यह आग की घटना। 7-8 लोगों की जान चली गई। यह स्थिति क्यों बनी, इसकी गहन जांच होनी चाहिए।

गहलोत ने कहा कि हम मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से बात करेंगे। हमें बहुत दुख है कि कोई भी जांच की बात नहीं कर रहा है। मृतकों के परिवारों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि शव कहां हैं। यह बहुत बुरी स्थिति है, यहां कोई मंत्री नहीं है, कोई सरकारी अधिकारी नहीं है, ऐसी घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

डोटासरा ने सरकार पर उठाए सवाल

PCC अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी इस दौरान मौजूद रहे और उन्होंने पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर है कि राजधानी में, हमारी नाक के नीचे, सिस्टम की लापरवाही के कारण आग लगने से लोगों की जान चली गई। उन्होंने बताया कि भांकरोटा हादसे की जांच रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है। साथ ही, कफ सिरप में भ्रष्टाचार करने वाली कंपनियों को क्लीन चिट दिए जाने का आरोप लगाया।

डोटासरा ने आगे कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण लोगों की मौत हुई है। सरकार असंवेदनशील है, पूरी तरह से विफल हो चुकी है। कहीं आग लगने के कारण तो कहीं एक्सपायर्ड दवाइयों के कारण लोगों की मौत हो रही है लेकिन सरकार ध्यान ही नहीं दे रही। हम देख रहे हैं कि पिछले 6-7 दिनों में कफ सिरप से लोगों की मौत हुई है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री उन्हें क्लीन चिट दे रहे हैं। अगर पर्ची से सरकार बनेगी तो यही हाल होगा, इसलिए प्रधानमंत्री को समय रहते इस पर्ची वाली सरकार को हटाना चाहिए।

इधर, धरने पर बैठे परिजनों ने नेताओं को बताया कि अस्पताल में सुरक्षा इंतजामों की कमी और स्टाफ की लापरवाही इस हादसे का प्रमुख कारण रही।