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राजस्थान पुलिस का नया फरमान, सोशल मीडिया यूज करने के लिए जारी की नई पॉलिसी, जानिए क्या है नए नियम

सोशल मीडिया पर वर्दी में वीडियो बनाकर डालना पुलिसकर्मियों के लिए महंगा पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर उपयोग को लेकर प्रदेश में पुलिस के लिए नई पॉलिसी जारी की गई है। डीजीपी उमेश मिश्रा की ओर से जारी पॉलिसी में पुलिसकर्मियों पर वर्दी में वीडियो रील बनाकर सोशल मीडिया के उपयोग पर रोक लगा दी गई है।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क/उदयपुर. जयपुर. सोशल मीडिया पर वर्दी में वीडियो बनाकर डालना पुलिसकर्मियों के लिए महंगा पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर उपयोग को लेकर प्रदेश में पुलिस के लिए नई पॉलिसी जारी की गई है। डीजीपी उमेश मिश्रा की ओर से जारी पॉलिसी में पुलिसकर्मियों पर वर्दी में वीडियो रील बनाकर सोशल मीडिया के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही पुलिस कर्मियों को विवादित ग्रुप में जुड़नेे, अपराधियों को फॉलो करने तथा भड़काऊ और भ्रामक सामग्री के उपयोग से भी बचना होगा। ऐसा नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों पर अब कार्रवाई होगी।

केन्द्र सरकार ने तैयार की थी पॉलिसी : देशभर की पुलिस फोर्स के लिए केन्द्र सरकार की ओर से पिछले माह सोशल मीडिया पॉलिसी तैयार की गई थी। गृह मंत्रालय की ओर से तैयार इस पॉलिसी को सभी राज्यों से शेयर किया गया था। गत सप्ताह उत्तरप्रदेश पुलिस में यह पॉलिसी लागू की गई थी।

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छवि का रखना होगा ध्यान पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की पोस्ट डालने के दौरान पुलिस की छवि को ध्यान में रखना होगा। ऐसा कोई लाइव नहीं किया जा सकेगा, जिससे पुलिस की गोपनीयता भंग हो रही हो। किसी भी अंडरकवर ऑपरेशन की जानकारी सोशल मीडिया पर सांझा नहीं की जा सकेगी।


यह हैं दिशा-निर्देश
● सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट में सीयूजी मोबाइल नंबर व सरकारी ई-मेल का ही उपयोग होगा।
● सोशल मीडिया पर डाली जाने वाली पोस्ट की भाषा सभ्य व सहज होनी चाहिए।
● व्यक्तिगत हैंडल से किसी भी प्रकार के गोपनीय व सरकारी दस्तावेज सांझा करने पर रोक।
● जाति, धर्म, सम्प्रदाय, क्षेत्रवाद व पूर्वाग्रह से ग्रसित किसी भी तरह की टिप्पणी पर रोक
● राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण व संवेदनशील मुद्दों के बारे में सरकारी या निजी हैंडल से किसी भी तरह की पोस्ट या टिप्पणी पर रोक।
● वर्दी और कार्यस्थल की मर्यादा को भंग करने वाली पोस्ट पर रोक।
● सरकारी या निजी आईडी से जाति व सम्प्रदाय के नाम से आमजन की भावनाओं को आहत करने वाला ग्रुप नहीं बना सकेंगे।
● गैंगस्टर को फॉलो या लाइक नहीं करें। किसी भी अपराधी का महिमा मंडन अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।
● पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर किसी को भी ट्रोल या बुली नहीं कर सकेंगे।
● किसी भी अकाउंट की प्रोफाइल पिक्चर राजनीतिक पार्टी या संगठन से जुड़ी नहीं होगी
● टिप्पणी करना भारी पड़ सकता है

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सोशल मीडिया हैंडल्स को करना होगा फॉलो
पुलिसकर्मियों को राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल्स को लाइक और फॉलो करना होगा। अपने संबंधी और मित्रों को भी नियमित रूप से यहां पर डाली जाने वाली सामग्री को लाइक और फॉलो करने के लिए प्रेरित करना होगा।