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SOG Action : पेपर लीक गैंग का नेटवर्क ध्वस्त, सबसे बड़ी कार्रवाई, 86 बर्खास्त, 189 पर जांच जारी, एक्शन से हड़कंप

Paper Leak : पेपर लीक केस में चौंकाने वाला खुलासा, कई और गिरफ्तारी संभव। नकल के खेल का अंत।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Mar 22, 2025

जयपुर। राजस्थान सरकार की पेपर लीक मामलों में जीरो टोलरेंस नीति का प्रभाव लगातार दिख रहा है। प्रशासन और पुलिस द्वारा परीक्षा में धांधली करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में राज्य विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और एटीएस की सख्त निगरानी में अब तक 86 राज्यकर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है, जबकि 189 अन्य कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच प्रक्रियाधीन है।

पटवारी भर्ती मामले में दौसा के हर्षवर्धन पर बड़ी कार्रवाई

पेपर लीक प्रकरणों में सख्ती के तहत पटवारी भर्ती परीक्षा में संलिप्त पाए गए दौसा जिले के सरगना हर्षवर्धन को राज्यसेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। दौसा कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने हर्षवर्धन के निलंबन आदेश जारी किए। हर्षवर्धन को JEN भर्ती परीक्षा 2020 में धोखाधड़ी करते हुए पकड़ा गया था और नेपाल बॉर्डर से एसआईटी (SIT) ने गिरफ्तार किया था

हर्षवर्धन की पत्नी भी हो चुकी है बर्खास्त

इससे पहले, हर्षवर्धन की पत्नी सरिता मीणा भी सरकारी सेवा से बर्खास्त हो चुकी हैं। तत्कालीन भीलवाड़ा कलेक्टर नमित मेहता ने उन्हें सेवा से हटाने का आदेश दिया था। सरिता मीणा ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में अपनी जगह डमी उम्मीदवार को परीक्षा में बैठाकर उत्तीर्ण होने की कोशिश की थी, जिसे बाद में पकड़ा गया।

एडीजी वी.के. सिंह की प्रभावी मॉनिटरिंग से कड़ा एक्शन

एसओजी-एटीएस के एडीजी वी.के. सिंह की प्रभावी मॉनिटरिंग के चलते परीक्षा घोटालों में शामिल लोगों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। अब तक एसआई भर्ती परीक्षा में लिप्त 45 सहित कुल 86 राज्यकर्मियों को बर्खास्त/सेवा से पृथक किया जा चुका है। वहीं, शेष 189 राज्यकर्मियों पर विभागीय जांच प्रक्रियाधीन है और जल्द ही उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य सरकार का कड़ा संदेश- पेपर लीक करने वालों के लिए कोई जगह नहीं

राजस्थान सरकार ने साफ कर दिया है कि परीक्षा प्रणाली को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पेपर लीक मामलों में लिप्त पाए गए राज्यकर्मियों को न सिर्फ बर्खास्त किया जा रहा है, बल्कि उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। राज्य सरकार की जीरो टोलरेंस नीति से स्पष्ट है कि भविष्य में कोई भी परीक्षा घोटाला करने से पहले कई बार सोचने को मजबूर होगा।