
फोटो- एक्स हैंडल
Rajasthan government action: जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में राजस्थान सरकार ने सरकारी काम-काज में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए भ्रष्टाचार, लापरवाही और अनुशासनहीनता के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने कुल 15 प्रकरणों में 28 कार्मिकों के खिलाफ विभिन्न अनुशासनात्मक कार्यवाही को मंजूरी दी है।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों को रिश्वत लेने और नियमों के उल्लंघन के आरोप में निलंबित किया गया है। इसके अलावा, चुनाव कार्य में लापरवाही करने के मामले में एक उपखण्ड अधिकारी और तहसीलदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने की स्वीकृति दी गई है। सेवा में लगातार अनुपस्थित रहने और काम में लापरवाही करने वाले एक कार्मिक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की अनुशंसा को भी अनुमोदित किया गया है।
तीन प्रकरणों में कुल 13 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित होगा। भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषसिद्ध अधिकारियों की शत-प्रतिशत पेंशन रोकने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, राज्यपाल द्वारा अनुमोदित तीन प्रकरणों में पांच अधिकारियों की समानुपातिक पेंशन राशि भी रोकी गई है।
सेवानिवृत्ति के बाद आरोपों के प्रमाणित होने पर एक प्रकरण को अनुमोदन के लिए राज्यपाल को भेजा गया है। नियम 17-सीसीए के तहत क्षेत्राधिकार से बाहर कार्यवाही करने वाले एक प्राचार्य को दंडित किया गया, जबकि राजस्थान पुलिस सेवा के एक अधिकारी की पुनरावलोकन याचिका को नियम 34-सीसीए के अंतर्गत खारिज करते हुए पूर्व में प्रदत्त दंड यथावत रखा गया।
मुख्यमंत्री शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार सरकारी काम-काज में ईमानदारी और अनुशासन बनाए रखने के लिए लगातार सतर्क है। भ्रष्टाचार, लापरवाही और अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि सभी सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन निष्ठा और ईमानदारी के साथ करें और जनता को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराएं।
Published on:
04 Oct 2025 07:40 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
