
rajasthan budget 2023 news : निवेश प्रोत्साहन योजनाओं के लिए बने टास्क फोर्स
rajasthan budget 2023 अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन यानि आरतिया ने बजट पूर्व राजस्थान सरकार से कहा है कि जितनी भी निवेश प्रोत्साहन व जन-कल्याणकारी योजनाएं हैं, उनके सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए निगरानी जरूरी है और यह निगरानी का जिम्मा एक टास्क फोर्स को सौंपा जाए। यह टास्क फोर्स प्रदेश, जिला, स्थानीय निकाय व पंचायत समिति स्तर पर सभी योजनाओं में आई जन-अपेक्षाओं और शासन की ओर से की जा रही डिलीवरी के बीच गैप को कवर करने का काम करें।
आरतिया के मुख्य सलाहकार कमल कंदोई ने कहा कि निवेश प्रोत्साहन योजनाओं का यथासंभव कार्यान्वयन प्रदेश की सबसे बड़ी आवश्यकता है, तभी निवेश बढ़ेगा और रोजगार सृजन और सरकार का राजस्व भी। यदि इसमें विलंब होता है तो यह राज्य सरकार और निवेशकों के लिए ही नहीं बल्कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए भी नुकसानदायक है। यह नुकसान न हो, यह सुनिश्चित करने की जवाबदेही इस टास्क फोर्स की रहे।
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प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता शामिल ना हो
कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि इस टास्क फोर्स में प्रशासनिक अधिकारियों या राजनेताओं को शामिल न कर के संबंधित क्षेत्र विशेष के स्टेक-होल्डर्स को मौका दिया जाए। जैसे, राजस्थान सरकार ने ग्रामीण पर्यटन निवेश प्रोत्साहन योजना प्रस्तुत की है। यह अकेली योजना राज्य के इकोनाॅमिक परिदृष्य को बड़ा बूस्ट दे सकती है, लेकिन यह तभी संभव होगा, जबकि इसमें अवरोध रहित कार्य हों। सरकार ने औद्योगिक, कृषि, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में अनेक निवेश प्रोत्सान योजनाओं का संचालन किया हुआ है, लेकिन इनका अपेक्षित लाभ समग्र रूप से नहीं मिल पा रहा। इसी तरह प्रदेश सरकार एक सौ से अधिक जन-कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है, लेकिन उनके कार्यान्वयन में भी असंतुलन की स्थिति है। इस स्थिति का निराकरण करने के लिए सतत निगरानी, समीक्षा और अवरोध-रहित कार्यान्वयन जरूरी है।
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दस लाख करोड़ रूपये से अधिक का निवेश
कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी के अनुसार उक्त वर्णित पांचों क्षेत्रों में प्रदेश के 235 से अधिक स्थानीय निकाय क्षेत्रों और 352 से अधिक पंचायत समिति क्षेत्रों में एक वर्ष के भीतर दस लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आ सकता है और दस लाख से अधिक लोगों को सीधे रोजगार भी मिल सकता है। यूं मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव अपने स्तर पर मानीटरिंग करते हैं, लेकिन वहां केवल अधिकारियों का फीड-बैक ही मिल पाता है, ग्रास-रूट हकीकत वस्तुतः उन तक पहुंच नहीं पाती।
Published on:
09 Feb 2023 09:58 am
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