
Rajasthan Politics: जयपुर। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए शिक्षा विभाग में ट्रांसफर और पदोन्नति प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। अपने एक ट्वीट में डोटासरा ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा लगाए गए ट्रांसफर बैन के बावजूद, शिक्षा विभाग "बैकडोर" तरीके से भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के जरिए मनचाही पोस्टिंग कर रहा है।
1-ट्रांसफर बैन का उल्लंघन:डोटासरा ने आरोप लगाया कि ट्रांसफर पर रोक के बावजूद विभाग कुछ प्रभावशाली लोगों को उनकी पसंद की पोस्टिंग दे रहा है, जबकि योग्य शिक्षकों को प्रमोशन के तीन महीने बाद भी तैनाती नहीं मिल रही है। कई शिक्षक रिटायरमेंट के बाद भी बिना पोस्टिंग के इंतजार कर रहे हैं।
2-डबल प्रिंसिपल का मामला: 26 मई को उप-प्राचार्य से प्राचार्य के 4,224 पदों पर डीपीसी (विभागीय प्रोन्नति समिति) हुई थी। 29 मई को पदोन्नत शिक्षकों को उसी स्कूल में तैनात कर दिया गया, जहां पहले से प्रिंसिपल मौजूद थे। इससे कई स्कूलों में "डबलप्रिंसिपल" की स्थिति पैदा हो गई है।
3-रिटायरमेंट और भटकन: पदोन्नति पाने वाले 425 शिक्षक बिना तैनाती के रिटायर हो चुके हैं, जबकि बाकी करीब 3,800 शिक्षकों को दो बार काउंसलिंग के कार्यक्रम रद्द होने से भटकाया जा रहा है। अब अगली काउंसलिंग की तारीख 25 अगस्त तय की गई है, लेकिन रिक्त पदों की सूची अभी तक जारी नहीं की गई।
4-शिक्षक संघ का विरोध: प्रिंसिपल के रिक्त पदों पर तैनाती न मिलने से नाराज शिक्षक संघ इसका खुला विरोध कर रहे हैं और मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंचा चुके हैं। हालांकि, डोटासरा का दावा है कि मुख्यमंत्री विभागीय मंत्री और आरएसएस के गठजोड़ के आगे कुछ नहीं कर पा रहे।
5-बच्चों का भविष्य खतरे में:डोटासरा ने कहा कि इस भ्रष्टाचार से शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है और बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है, लेकिन सरकार की प्राथमिकता केवल "कमाई" बन गई है।
Updated on:
22 Aug 2025 05:00 pm
Published on:
22 Aug 2025 04:53 pm
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