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Mining Sector: राजस्थान में खनिज खजाने के रास्ते से हटेगी आखिरी बाधा, 16 जुलाई को होगा फैसला

Mining Operation: खनिज ब्लॉकों के शीघ्र संचालन के लिए जयपुर में होगा विभागीय मंथन, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर 16 जुलाई को बड़ा संवाद, खनन क्षेत्र में तेजी लाने को लेकर राजस्थान सरकार की नई पहल।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Jul 13, 2025

rajasthan mining leases

Photo- Patrika

Mineral Blocks in Rajasthan: जयपुर। राजस्थान के खनिज खजाने के संचालन में आ रही बाधाओं को दूर करने की दिशा में अब निर्णायक पहल होने जा रही है। राज्य सरकार 16 जुलाई को जयपुर में एक उच्च स्तरीय कार्यशाला आयोजित कर रही है, जिसमें खनिज ब्लॉकों के शीघ्र संचालन में आ रही पर्यावरणीय, प्रशासनिक व कानूनी अड़चनों पर मंथन होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर आयोजित इस बैठक में खान, पर्यावरण, राजस्व और वन विभाग सहित सभी संबंधित पक्ष एक मंच पर आएंगे। यह मंथन राज्य में खनन क्षेत्र को नई गति देने वाला ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।

राजस्थान सरकार खनन क्षेत्र को नई गति देने के उद्देश्य से एक बड़ा और समन्वित कदम उठाने जा रही है। राज्य के नीलाम खनिज ब्लॉकों को शीघ्र परिचालन में लाने की दिशा में अब निर्णायक पहल की जा रही है। इसके तहत 16 जुलाई को जयपुर में खान विभाग की ओर से एक उच्च स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें एनवायरमेंटइम्पेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी (SEIAA), भारतीय खान ब्यूरो (IBM), राजस्व, वन, पर्यावरण, भूविज्ञान, खान विभाग और अन्य स्टेक होल्डर्स एक साझा मंच पर मंथन करेंगे।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नीलाम खनिज ब्लॉकों के शीघ्र संचालन को लेकर गंभीरता दिखाई है और निर्देश दिए हैं कि विभाग आपसी समन्वय बढ़ाकर अनुमतियों में हो रही देरी को दूर करें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि खानों के संचालन में आने से न केवल अवैध खनन पर रोक लगेगी, बल्कि निवेश, रोजगार और राजस्व के नए द्वार भी खुलेंगे।

प्रमुख सचिव खान, भूविज्ञान एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य ऑक्शन ब्लॉकों के संचालन में आ रही बाधाओं की गहराई से समीक्षा कर उनका व्यावहारिक समाधान निकालना है। उन्होंने बताया कि राजस्थान, मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर है, अब चुनौती है इन्हें शीघ्र संचालन में लाने की।

रविकान्त ने बताया कि ब्लॉकों के संचालन में सबसे बड़ी बाधा वन भूमि डायवर्जन, चारागाह भूमि का रूपांतरण, पर्यावरण मंजूरी, माइनिंग प्लान स्वीकृति जैसी अनुमतियों में हो रही देरी है, जिससे खनन कार्य आरंभ नहीं हो पाता और इससे संभावित निवेश, रोजगार व राजस्व प्रभावित होता है।

राजस्थान खान विभाग द्वारा उठाया गया यह कदम देश में माइनिंग सेक्टर में समन्वित प्रयासों की दिशा में संभवतः पहली बार हो रहा है। यह पहल न केवल प्रक्रियागत रुकावटों को दूर करेगी, बल्कि राज्य के खनन क्षेत्र को नई ऊर्जा भी देगी।