
एसएमएस स्टेडियम जयपुर। फोटो पत्रिका
Vande Mataram : राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वर्षभर चलने वाले "वंदे मातरम@150" महाअभियान का शुक्रवार को शुभारंभ होगा। राज्य स्तरीय मुख्य समारोह सुबह 7.30 बजे एसएमएस स्टेडियम में होगा। इस कार्यक्रम में सीएम भजनलाल शर्मा शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में 50 हजार लोग सामूहिक रूप से वंदे मातरम का गायन करेंगे। प्रदेशभर में भी कई कार्यक्रम होंगे। भारतीय जनता पार्टी के सांसद, विधायक एवं कार्यकर्ता विभिन्न स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 150 साल पहले आज ही के दिन 7 नवंबर, 1875 को वंदे मातरम् लिखा था। जिसने भारतीय जनमानस को जगा दिया, मातृभूमि को देवी का रूप देकर उसे आराधना का प्रतीक बना दिया। इन पंक्तियों ने इतिहास की दिशा मोड़ दी। संस्कृत व बंगला के मधुर संगम में रचा गया यह गीत, भारत की आत्मा का गान बन गया था।
यह गीत पहली बार बंकिम चंद्र के उपन्यास आनंदमठ में प्रकाशित हुआ। संविधान सभा ने 24 जनवरी, 1950 को वंदे मातरम् को राष्ट्रीय गीत घोषित किया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में तय हुआ कि उपन्यास के पहले दो छंद राष्ट्रीय गीत का हिस्सा होंगे। आज सरकारी समारोहों में पहले दो छंद गाए जाते हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार यह आयोजन देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सरकारी एवं गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, तकनीकी, मेडिकल, पैरामेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थी, एनसीसी, एनएसएस, हिंदुस्तान स्काउट गाइड, पुलिस एवं आरएसी के जवान, सामाजिक संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता तथा आमजन भाग लेंगे।
मुख्य समारोह में सामूहिक वंदे मातरम गायन, 50 हजार तिरंगा झंडों का वितरण, स्कूल, पुलिस एवं आर्मी बैंड की प्रस्तुतियां और महापुरुषों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन होगा। विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों, एनसीसी कैडेट्स, शिक्षकों और आम नागरिकों की उपस्थिति में सामूहिक राष्ट्रगान एवं "वंदे मातरम' गायन ऐतिहासिक स्वरूप में होगा।
राज्यभर में थिमेटिक प्रदर्शनी, फोटोग्राफ, आर्काइव सामग्री, डिजिटल पैनल और कला प्रदर्शनियों के माध्यम से "वंदे मातरम" की 150वीं वर्षगांठ को ऐतिहासिक रूप से मनाया जाएगा। इसी दिन अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा, जोधपुर, सीकर, भीलवाड़ा और अलवर सहित 9 जिला मुख्यालयों पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
Published on:
07 Nov 2025 07:45 am
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