18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Vehicle Tracking: अब हर सार्वजनिक वाहन की होगी रीयल टाइम निगरानी, पैनिक बटन से मिलेगी त्वरित मदद

GPS Monitoring: यात्रियों की सुरक्षा को नई ताक़त: राजस्थान में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम की शुरुआत। अब हर सार्वजनिक वाहन की होगी रीयल टाइम निगरानी, पैनिक बटन से मिलेगी त्वरित मदद।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Rajesh Dixit

Jul 28, 2025

उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सोमवार को परिवहन भवन में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (VLTS) का शुभारंभ किया। फोटो-पत्रिका।

उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सोमवार को परिवहन भवन में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (VLTS) का शुभारंभ किया। फोटो-पत्रिका।

Public Transport Safety: जयपुर। प्रदेश की परिवहन व्यवस्था में तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सोमवार को परिवहन भवन में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (VLTS) का शुभारंभ किया। इस प्रणाली से अब राज्य में चलने वाले सार्वजनिक सेवा वाहनों की रीयल टाइम निगरानी संभव हो सकेगी, जिससे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में बड़ा सुधार होगा।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यात्रियों, विशेषकर महिलाओं एवं संवेदनशील वर्गों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा, "नवाचार और तकनीक के माध्यम से हम परिवहन व्यवस्था को सुरक्षित, पारदर्शी और उत्तरदायी बना रहे हैं। व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम इसी दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।"

प्रणाली की खासियतें

1- GPS आधारित डिवाइस से वाहनों की लाइव लोकेशन, गति, रूट और स्टॉपेज की जानकारी मिलेगी।

2-पैनिक बटन के ज़रिए आपात स्थिति में स्टेट इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम (112) को तुरंत अलर्ट किया जा सकेगा।

3-अवैध संचालन, ओवरलोडिंग, और अनधिकृत रूट पर नियंत्रण संभव होगा।

यह पहल केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सहयोग से महिलाओं व संवेदनशील यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू की गई है। राज्य में लगभग 2.5 लाख सार्वजनिक वाहनों पर यह डिवाइस और पैनिक बटन लगाए जाएंगे।

वर्तमान में राजस्थान रोडवेज की 892 बसों में AIS-140 मानक की डिवाइसें लगाकर इस सिस्टम को सक्रिय किया जा चुका है।

राजस्थान सरकार की यह पहल न केवल तकनीकी सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि यात्रियों को सुरक्षा का भरोसा भी देती है। यह प्रणाली आने वाले समय में राजस्थान को सुरक्षित और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट व्यवस्था की दिशा में अग्रसर करेगी।