
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि विश्व स्तर पर एक नया मानदंड स्थापित किया गया है। शांति के भाव को बनाए रखते हुए, आतंक पर सटीक प्रहार भारत ने किया। पहली बार अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार जाकर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर सटीक प्रहार किया और दुनिया में किसी ने प्रमाण नहीं मांगा। पूरी दुनिया ने भारत की शक्ति को देखा।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने गुरुवार को राजस्थान के जयपुर के विद्याधर नगर में भैरों सिंह शेखावत स्मृति पुस्तकालय का उद्घाटन किया। इस दौरान आयोजित समारोह में धनखड़ ने कहा कि भारत ने केवल सैन्य मोर्चे पर ही नहीं, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक बड़ी कूटनीतिक लड़ाई भी लड़ी है और उसे जीत भी लिया है। सिंधु जल संधि को रोका गया।
उन्होंने कहा कि भारत ने पहली बार मई महीने में पोकरण द्वितीय के माध्यम से राजस्थान की धरती पर अपनी ताकत का परिचय दिया। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि आज हम विश्व की चौथी सबसे बड़ी शक्ति हैं और तीसरे स्थान की ओर अग्रसर हैं। इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सांसद घनश्याम तिवाड़ी, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, सांसद मदन राठौड़, नरपत सिंह राजवी, अभिमन्यु सिंह राजवी सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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उपराष्ट्रपति ने कहा कि मेरे जीवन में भैरों सिंह शेखावत और चौधरी देवी लाल का विशेष महत्व रहा है। दोनों का जीवन निष्कलंक था। भैरों सिंह शेखावत का दिल और दिमाग हमेशा आम आदमी के साथ था। राज्यसभा के सभापति के रूप में शेखावत ने सभी सांसदों को अपनी संपत्ति की घोषणा करने के लिए बाध्य किया। उन्होंने राजनीति में यह महत्वपूर्ण बात परिभाषित की कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। आज सभी को उनसे यह सीखने की आवश्यकता है। उनका दिल विपक्ष के लिए पसीजता था।
Updated on:
15 May 2025 09:16 pm
Published on:
15 May 2025 08:47 pm
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