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पहली बार पंचायत में हुई ‘बाल सरपंच’ के लिए वोटिंग, जानें क्यों…

प्रदेश एक ओर जहां छात्रसंघ के चुनाव परिणाम घोषित किए गए, वहीं दूसरी ओर आमेर की जयरामपुरा ग्राम पंचायत में “बाल सरपंच” के चुनाव देखने को मिले। यह मौका था डिजिटल बाल मेला और यूनिसेफ की ओर से जयरामपुरा पंचायत में बाल पंचायत के आयोजन का।

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पहली बार पंचायत में हुई 'बाल सरपंच' के लिए वोटिंग

पहली बार पंचायत में हुई 'बाल सरपंच' के लिए वोटिंग

जयपुर। प्रदेश एक ओर जहां छात्रसंघ के चुनाव परिणाम घोषित किए गए, वहीं दूसरी ओर आमेर की जयरामपुरा ग्राम पंचायत में “बाल सरपंच” के चुनाव देखने को मिले। यह मौका था डिजिटल बाल मेला और यूनिसेफ की ओर से जयरामपुरा पंचायत में बाल पंचायत के आयोजन का। इस बाल पंचायत में मौजूद लगभग 300 बच्चों में से 20 ने अपनी ठोस दावेदारी पेश की। वहां मौजूद सभी बच्चों ने अपने प्रतिनिधि के लिए वोट डालें और निवार्चन की प्रक्रिया को समझा। गौरतलब है कि बच्चों की राजनीतिक सहभागिता बढ़ाने के लिए राजस्थान की ग्राम पंचायतों में से बाल सरपंचों का चुनाव कर जयपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

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इस बाल पंचायत के आयोजन के मौके पर बच्चों ने अपने ग्राम की समस्याओं को खुलकर मंच से सभी के सामने रखा। साथ ही यह भी बताया कि वे सरपंच बनकर अपने गांव के विकास के लिए क्या काम करना चाहते हैं। बच्चों के विचारों को सुनकर सभी ग्रामीण हतप्रभ रह गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जयरामपुरा सरपंच जगदीश निठारवाल ने मंच से ऐलान किया कि वह अपनी पंचायत की बैठकों में बाल सरपंच को भी शामिल करेंगे।

इस मौके पर मौजूद विशिष्ठ अतिथि राम कुमार यादव ने राजस्थान विधानसभा में हुए बाल सत्र का जिक्र करते हुए बच्चों से कहा की जिस प्रकार बच्चों ने बाल विधानसभा में राजनीति के गुण सीखे थे, उसी प्रकार आप अब उन्हें पंचायत राज प्रणाली के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उन्होंने डिजिटल बाल मेला से अनुरोध कर आमेर तहसील की और ग्राम पंचायतों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की। इस अवसर पर आमेर के समाजसेवी सुरेश कुमार शर्मा भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम का यह है उद्देश्य
डिजिटल बाल मेला और यूनिसेफ राजस्थान की ग्राम पंचायतों में ऐसी बाल पंचायतों का आयोजन करेगा। इसका उद्देश्य बच्चों में पंचायती राज प्रणाली के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही नई पीढ़ी में जागरूक नागरिक और सरपंच, मंत्री, नेता का निर्माण करना हैं।