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Rajasthan Mansoon Update : राजस्थान में इस बार जुलाई में क्यों हुई भारी बारिश? जानें वजह

Rajasthan Mansoon Update : राजस्थान में मानसून पूरे शबाब पर है। 69 वर्ष बाद राजस्थान में जुलाई में सबसे ज्यादा 285 MM बारिश हुई। आखिर राजस्थान में जुलाई में क्यों हुई इतनी भारी बारिश। जानें इसका कारण?

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Why did it rain heavily in Rajasthan this July Know reason

फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan Mansoon Update : राजस्थान में मानसून पूरे शबाब पर है। प्रदेश के हर जिले में नए रिकार्ड बन रहे हैं। जानकार ताज्जुब होगा कि जुलाई में हुई भारी बारिश से एक रिकार्ड टूटते-टूटते बच गया। आंकड़ों को अगर देखा जाए तो राजस्थान में इस मानसून सीजन में जुलाई में 285 MM बारिश हुई है। यह 69 साल में सबसे अधिक रही। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो इससे पूर्व जुलाई, 1956 में सबसे ज्यादा 308 MM बारिश हुई थी।

कम दबाव की वजह से हुई जुलाई में भारी बारिश

राजस्थान में मानसून के वक्त जुलाई में भारी बारिश की वजह के बारे में मानसून के दूसरे चरण अगस्त और सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने गुरुवार को बताया कि देश में जून और जुलाई में भारी बारिश की 624 और अत्याधिक बारिश की 76 घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले पांच वर्ष में सबसे कम हैं। उन्होंने बताया कि जुलाई में 6 बार कम दबाव की स्थिति बनी। इनमें से तीन कम दबाव की स्थिति की वजह से राजस्थान सहित मध्य भारत में कई स्थानों पर भारी बारिश हुई।

राजस्थान में कहां और कैसे बनता है कम दबाव


राजस्थान एक शुष्क और मरुस्थलीय क्षेत्र है। मानसून के मौसम (जून-सितंबर) के वक्त यहां कम दबाव के क्षेत्र का प्रभाव देखा जाता है। यहां बारिश की प्रक्रिया इस प्रकार प्रभावित होती है:

मानसून का प्रभाव

बंगाल की खाड़ी या अरब सागर से पैदा होने वाले कम दबाव के क्षेत्र (जैसे मानसूनी डिप्रेशन या चक्रवात) राजस्थान की ओर बढ़ सकते हैं। ये सिस्टम नम हवाओं को राजस्थान की ओर लाते हैं, जिससे बारिश होती है।

थार मरुस्थल का प्रभाव

राजस्थान में थार मरुस्थल के कारण नमी की मात्रा कम होती है, लेकिन जब मानसूनी हवाएं कम दबाव के क्षेत्र के साथ आती हैं, तो यहाँ अच्छी बारिश हो सकती है। खासकर पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान में (जैसे जयपुर, उदयपुर, कोटा)। पश्चिमी राजस्थान (जैसलमेर, बीकानेर) में बारिश कम होती है क्योंकि नमी वहाँ तक कम पहुंचती है।

स्थानीय कारक

राजस्थान में अरावली पर्वतमाला भी बारिश को प्रभावित करती है। कम दबाव के साथ आने वाली नम हवाएं अरावली से टकराकर ऊपर उठती हैं, जिससे उस क्षेत्र में बारिश होती है (जैसे माउंट आबू में)।