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World Tourism Day: 12 रानियों के कक्ष से लेकर दीवान-ए-आम, आमेर का ऐसा दीदार…‘जाने क्या दिख जाए’

आमेर महल जो जयपुर के कछवाहा शासकों की राजधानी थी, अपनी प्राचीन स्थापत्य कला, भित्ति चित्रों और सुंदर बाग-बगीचों के लिए विश्वप्रसिद्ध है।

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फोटो: पत्रिका

जयपुर के आमेर यानी कछवाहा शासकों की राजधानी। विश्व विख्यात आमेर महल 11वीं शताब्दी में निर्मित बताते हैं। इतिहासकारों के अनुसार सवाई मानसिंह प्रथम, मिर्जा राजा जयसिंह और सवाई जयसिंह ने भी वहां निर्माण करवाए।

विश्वविख्यात आमेर महल में दीवान-ए-आम व गणेशपोल भित्ति चित्रांकन एवं स्थापत्य का अनूठा नमूना है। शीश महल में आकर्षक पच्चीकारी तथा मकराना के संगमरमर से सूक्ष्म कलात्मक काम किया गया है। सबसे प्राचीन मानसिंह महल है, इसमें बारह रानियों के कक्ष तथा मध्य में खूबसूरत बारादरी है।

शीश महल की दीवारों पर अलंकरण का जडाई का काम शाहजहां कालीन मुगल कला से प्रभावित है। पूर्वी दिशा में स्थित सूरजपोल के दोनों ओर ऊपर दो झरोखे बने हैं। सूरजपोल और चांदपोल दोनों ही जलेब चौक परेड ग्राउण्ड में खुलते हैं।

महल में सुख मंदिर, शीश महल, दीवान-ए-आम, भोजन शाला व चार बाग तथा क्यारी-बगीचे देश—दुनिया के लोगों को आकर्षित करते हैं।