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10 महीने से दो टीचर नौंवी की छात्रा से कर रहे थे अश्लील हरकतें, कहते पास बैठो कर देंगे प्रथम श्रेणी से पास

locationजैसलमेरPublished: Sep 01, 2018 10:10:28 am

Submitted by:

Nidhi Mishra

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2 teachers molested teen age girl in school of Jaisalmer

2 teachers molested teen age girl in school of Jaisalmer

जैसलमेर/ जयपुर। घर, बाजार और यहां तक की स्कूल तक में बच्चियां सुरक्षित नहीं है। नया केस जैसलमेर के एक सरकारी स्कूल से सामने आया है। दरअसल स्कूल में नौंवी कक्षा में पढ़ने वाली एक बच्ची को स्कूल के ही दो शिक्षक दस महीने से परेशान कर रहे हैं, उसे स्कूल समय के बाद रोकते और उससे अश्लील हरकतें करते। आहत बच्ची न तो परिजनों और न ही किसी रिश्तेदार को यह बात बता सकी और पिछले डेढ़ महीने से बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टी करती रही। परिजन भी जब डॉक्टरों को दिखाते—दिखाते थक गए तो उन्होनें बच्ची की काउंसलिंग की। बच्ची ने जब परिजनों को बताया कि स्कूल के ही दो शिक्षक गलत जगहों पर छूते हैं और परेशान करते हैं तब जाकर मामला खुला। परिजनों ने जैसलमेर के फलसूंड थाने में शिकायत दी है।
कस्बे में स्थित राजकीय स्कूल के दो शिक्षकों पर आरोप है। बच्ची को पुलिस ने बताया कि दस महीने पहले पहली बार उससे गलत हरकत की, उसे स्कूल से घर जाने से भी दो घंटे तक रोका। बाद में यह आए दिन की हरकत हो गई। कई बार तो पूरे कपड़े उतारने की कोशिश की। बच्ची का कहना था कि वे उसे लालच देते थे कि पढ़ाई करे बिना ही प्रथम श्रेणी से पास करा देंगे और साथ ही लैपटॉप भी दिलाएंगे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और शिक्षकों की तलाश कर रही है।

तीन साल की बच्ची को साड़ी कैसे पहनाऊं मैं
वहीं झुंझुनूं में तीन साल की मासूम से दुष्कर्म के आरोपी को मृत्युदंड की सजा देते वक्त न्यायाधीश नीरजा दाधीच ने बेहद भावुक कविता के जरिए अपने उद्गार व्यक्त किए। जज ने कहा….वो मासूम नाजुक बच्ची एक आंगन की कली थी, वो मां-बाप की आंख का तारा थी, अरमानों से पली थी, जिसकी मासूम अदाओं से मां-बाप का दिन बन जाता था, वो छोटी सी बच्ची थी, ढंग से बोल नहीं पाती थी, दिखा के जिसकी मासूमियत उदासी बन जाती थी, जिसने जीवन के केवल तीन बसंत ही देखे थे, उस पे अन्याय हुआ यह कैसे विधि के लेखे थे, एक तीन साल की बेटी पे यह कैसा अत्याचार हुआ, एक बच्ची को दरिन्दों से बचा नहीं सके, यह कैसा मुल्क लाचार हुआ।
उस बच्ची पर जुल्म हुआ, वो कितनी रोई होगी, मेरा कलेजा फट गया तो मां कैसे सोई होगी। जिस मासमू को देख मन में प्यार उमड़ आता है। देखा उसी के मन में कुछ हैवान उतर आता है। कपड़ों के कारण होते रेप जो कहे उन्हें बतलाऊं मैं, आखिर तीन साल की बच्ची को साड़ी कैसे पहनाऊं मैं। गर अब भी ना सुधरे तो एक दिन ऐसा आएगा, इस देश को बेटी देने में भगवान भी घबराएगा।
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