scriptभा’दवा मेला 2018- अभिषेक व ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ 634वां मेला | Bhadva mela 2018- 634th fair commenced with Abhishek and flag hoisting | Patrika News

भा’दवा मेला 2018- अभिषेक व ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ 634वां मेला

locationजैसलमेरPublished: Sep 11, 2018 09:38:34 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-तीन किमी पार पहुंची श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें-पहले दिन रही यात्रियों की भीड़, सभी मार्ग व बाजार अटे जातरुओं से

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भा’दवा मेला 2018- अभिषेक व ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ 634वां मेला

पोकरण/रामदेवरा. साम्प्रदायिक सद्भाव, कौमी एकता व सामाजिक समरसता के प्रतीक लोकदेवता बाबा रामदेव के जन्मावतरण सुदी दूज मंगलवार से 6 34वां मेला बाबा के जयकारों के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर मंगलवार को अलसुबह मंगला आरती से पूर्व समाधि पर पंचामृत से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई तथा मखमली चादर चढाई गई। पोकरण विधायक शैतानसिंह राठौड़, शेरगढ विधायक बाबूसिंह राठौड़, जिला कलक्टर ओम कसेरा, राव भोमसिंह तंवर, मेला अधिकारी अनिलकुमार जैन, तहसीलदार रामसिंह जोधा, पुलिस उपाधीक्षक रामचंद्र चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष जुगलकिशोर व्यास ने मंगलवार को सुबह तीन बजे ब्रह्ममुहुर्त में बाबा रामदेव की समाधि पर पं. कमल छंगाणी के सानिध्य में पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, केशर, गंगाजल से अभिषेक किया। समाधि की विधि विधान से पूजा-अर्चना कर मखमली चादर चढाई गई। मंगला आरती के बाद मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण कर मेले की विधिवत शुरूआत की गई। इस अवसर पर विकास अधिकारी नारायण सुथार, राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल, समाधि समिति के समंदरसिंह तंवर, रावतसिंह, अभयसिंह सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बाबा की समाधि पर पूर्ण विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कर अमन, चैन, खुशहाली, मेले के सफल आयोजन, यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुख, समृद्धि व सलामती के लिए बाबा रामदेव से प्रार्थना की।
कतारों में खड़े तीन लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
लोकदेवता बाबा रामदेव की समाधिस्थल पर प्रशासनिक अधिकारियों, बाबा रामदेव के वंशजों व पुजारियों की ओर से किए गए अभिषेक, पूजा-अर्चना व मंगला आरती के बाद साढे तीन बजे मंदिर के मुख्य द्वार खोले गए। द्वार खुलते ही मंदिर के बाहर कतारों में खड़े हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा तेरी जय बोलेंगे, अजमल घर अवतार की जय के जयघोष के साथ मंदिर में प्रवेश किया तथा शांतिपूर्ण दर्शन कर खुशहाली के लिए प्रार्थना की। सुबह साढे तीन बजे से शुरू हुई दर्शनार्थियों की कतारें देर रात तक भी अनवरत रूप से लगी रही। मंगलवार को दर्शनार्थियों की करीब पांच कतारें मंदिर के मुख्य द्वार से तीन किमी दूर आरसीपी गोदाम से भी आगे ढाणियों तक पहुंच गई। जिसके चलते एक तरफ दर्शनार्थियों को आठ से दस घंटे इंतजार के बाद दर्शन करने पड़े। दूसरी तरफ सुरक्षा व व्यवस्था में लगे पुलिस व अन्य कर्मचारियों को भी दिनभर खासी मशक्कत करनी पड़ी। मंगलवार की देर रात मंदिर के द्वार बंद होने के बाद हजारों श्रद्धालु कतारों में ही सो गए तथा सुबह तीन बजे उठकर मंदिर के बाहर कतारें लगाकर खड़े हो गए। मंगलवार को अलसुबह मंदिर खुलते ही श्रद्धालुओं ने बाबा की समाधि के दर्शन किए। एक अनुमान के अनुसार मंगलवार को पहले दिन करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
कतारें तीन किमी पार
गांव में मंगलवार को माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया के अवसर पर मंदिर परिसर से आरपीसी गोदाम व रेलवे पटरियों तक श्रद्धालुओं की करीब तीन किमी लम्बी कतारें दिनभर लगी रही। दर्शनार्थियों का पहला छोर मंदिर के मुख्य द्वार पर था, तो अंतिम छोर एकां-विरमदेवरा रोड पर आरसीपी गोदामों से आगे तक था। यहां तक तीन से चार लाइनें लगी हुई थी। हाथों में रंग बिरंगी ध्वजाएं लिए, बाबा के जयकारे लगाते श्रद्धालु आगे बढ रहे थे तथा करीब आठ से दस घंटे तक कतार में खड़े रहकर उन्होंने समाधि के दर्शन किए। श्रद्धालुओं का जोश एवं उत्साह देखते ही बन रहा था।
एक किमी तक न छाया और न पानी
सुदी दूज को बड़ी संख्या में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते मंगलवार को श्रद्धालुओं की कतारें विरमदेवरा रोड से आगे रेलवे पटरियों व आउटर सिग्नल तक पहुंच चुकी थी। समाधि समिति की ओर से मंदिर के मुख्य द्वार से नोखा धर्मशाला तक कतारों में खड़े श्रद्धालुओं की छाया के लिए टिनशेड लगाए गए है। टिनशेड से आगे कुछ दूरी तक अस्थाई टेंट लगाकर छाया की व्यवस्था की गई है, लेकिन उससे आगे छाया की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में करीब एक किमी तक लगी लम्बी कतारों में श्रद्धालुओं को दिनभर कड़ी धूप में खड़े रहकर दर्शनों के लिए इंतजार करना पड़ा। यहां कतारों में खड़े श्रद्धालुओं के लिए पानी की भी व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में खासी परेशानी हुई।
धार्मिक रंग में रंगा रुणीचा
मंदिर परिसर के चारों तरफ गत एक पखवाड़े से श्रद्धालुओं की व्यापक रेलमपेल देखने को मिल रही है। बाबा के जयकारे लगाते श्रद्धालुओं के जत्थे लगातार रामदेवरा पहुंच रहे है। मंदिर परिसर, रामसरोवर, परचा बावड़ी, रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, मेला चौक, करणी द्वार, नाचना चौराहा, पोकरण रोड, लिंक रोड सहित जगह-जगह मेलार्थियों की चहल पहल बनी हुई है। छोटा सा गांव रामदेवरा इन दिनों पूर्ण रूप से धार्मिक रंग में रंगा नजर आ रहा है।
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