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ओरण-गोचर संरक्षण की मांग को लेकर स्कूलों में पढ़ाई का किया बहिष्कार

ओरण और गोचर भूमियों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने सहित अन्य मांगों को लेकर टीम ओरण की ओर से किए जा रहे आन्दोलन के तहत सोमवार को जिले के कई गांवों में विद्यार्थियों ने अध्ययन कार्य का एक दिवसीय बहिष्कार किया और ग्रामीणों के साथ मिल कर स्कूल भवनों के बाहर नारेबाजी की।

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ओरण और गोचर भूमियों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने सहित अन्य मांगों को लेकर टीम ओरण की ओर से किए जा रहे आन्दोलन के तहत सोमवार को जिले के कई गांवों में विद्यार्थियों ने अध्ययन कार्य का एक दिवसीय बहिष्कार किया और ग्रामीणों के साथ मिल कर स्कूल भवनों के बाहर नारेबाजी की। उनकी ओर से संबंधित संस्था प्रधान को ओरण, गोचर, तालाब, आगोर, कुएं, बावड़ी, नाडी, चारागाहों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करवाने का मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिला मुख्यालय स्थित एसबीके कॉलेज के बाहर भी छात्रों ने ओरण मामले को लेकर चल रहे आंदोलन का समर्थन किया और नारेबाजी की। जानकारी के अनुसार सोमवार को जिले के पोछीणा, लूणार, मसूरिया, मेहराजोत, खुहड़ी, भाडली, कोहरा, जोगा, नवल सिंह का गांव, नेतसी, जैरात, पारेवर, मोकला, मोहनगढ़, मोढ़ा, पारेवर, सेउवा, राघवा, छोड़, सांखला, उत्तमनगर, सेलता, भोपा, हेमा, मोतीकिला, पारेवर, रायमला, सेतरावा, घंटियाली, सांवता, देग, भोपा गांवों के विद्यालयों में विद्यार्थियों ने पढ़ाई का बहिष्कार किया। वे अपने घरों से स्कूल तो पहुंचे लेकिन पढ़ाई के लिए भीतर नहीं गए। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक महेश कुमार बिस्सा ने बताया कि कई गांवों में स्कूलों में अध्ययन कार्य का बहिष्कार किए जाने की जानकारी मिली है। इस संबंध में सभी सीबीइइओ से तथ्यात्मक जानकारी मांगी गई है। जिससे पता चल सके कि किस-किस स्कूल में अध्ययन कार्य का बहिष्कार किया गया।

16 को शक्ति प्रदर्शन की तैयारी

दूसरी ओर कलेक्ट्रेट के सामने मांगों को लेकर ओरण टीम का धरना सोमवार को 22वें दिन भी जारी रहा। टीम ओरण के सुमेरसिंह सांवता ने बताया कि जब तक मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक धरना जारी रहेगा। इस बीच ओरण टीम आगामी 16 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की तैयारी में जुट गई है। आंदोलनकारियों का कहना है कि गत दिनों निकाली गई जनाक्रोश रैली से कहीं अधिक लोग 16 तारीख को होने वाले प्रदर्शन में शामिल होकर शासन और प्रशासन के सामने इस मुद्दे की तीव्रता को प्रदर्शित करेंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर गांवों में जनसम्पर्क भी शुरू कर दिया गया है।