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चक्कर पे चक्कर, अनुमति के लिए बुरी तरह परेशान हो रहे लोग

locationजैसलमेरPublished: Apr 25, 2020 08:17:11 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-रोजाना चक्कर लगा रहे शहरी व ग्रामीण

चक्कर पे चक्कर, अनुमति के लिए बुरी तरह परेशान हो रहे लोग

चक्कर पे चक्कर, अनुमति के लिए बुरी तरह परेशान हो रहे लोग

जैसलमेर. लॉकडाउन के चलते सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को पेश आ रही है, जिनके अपने अन्य शहरों में फंस गए हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो जैसलमेर में फंसे हुए हैं। उन्हें बाहर जाने की अनुमति बिना राजनीतिक पहुंच के नहीं मिल पा रही है। रोजाना जिला कलेक्ट्रेट स्थित उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर कड़ी धूप में भी लोग खड़े या इधर-उधर छाया की पनाह लेकर बैठे दिखाई देते हैं। उपखंड अधिकारी कार्यालय से बहुत कम लोगों को ही जिले से बाहर जाने की इजाजत मिलती है। वैसे, पिछले दिनों से प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि, अनुमति के लिए आवेदन ऑनलाइन ही किए जाए। जैसलमेर जैसे पिछड़े इलाके में ऑनलाइन आवेदन करना आज भी हर किसी के वश की बात नहीं है। दूसरी ओर जिनके राजनीतिक रसूख हैं, उनमें से कुछ को दौरान सरकारी स्तर से अनुमतियां जारी की गई तथा कई ऐसे मामलों में भी सुनवाई नहीं हुई। जिससे सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
कई लोग मिले कतार में
उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर कई लोग हाथों में इजाजत के लिए प्रार्थना पत्र थामे खड़े मिले। उनमें से एक जना अपने पिता लुकमान खां को उपचार के लिए अहमदाबाद ले जाने की अनुमति प्राप्त करने पहुंचा हुआ था। ऐसे ही कैलाश कुमार ने बताया कि उसकी पुत्री गर्भवती है तथा अपने ससुराल जोधपुर में है। उसे जैसलमेर लाने के लिए उसे अनुमति चाहिए। कैलाश कुमार ने बताया कि उसका ऑनलाइन आवेदन स्वीकृत हो रखा है। एक अन्य व्यक्ति राजू दारा भी धूप में खड़ा मिला। वह एक कम्पनी में सेल्समैन है तथा लॉकडाउन के चलते पिछले करीब २५ दिनों से जैसलमेर में फंसा हुआ है। वह सरदारशहर स्थित अपने घर जाना चाहता है। एक अन्य मामले में जैसलमेर निवासी व्यक्ति को बालोतरा स्थित ससुराल से पत्नी को लाना है। उसकी माता गंभीर बीमारी से ग्रस्त है। ऐसे में माता की सेवा और गृहकार्य करने वाली इकलौती सदस्य पत्नी है और वह बालोतरा स्थित पीहर में अटक गई है। उस व्यक्ति ने बताया कि एक तरफ राज्य सरकार के निर्देशों पर प्रशासन जिले के अलग-अलग गांवों में बैठे राजस्थान के अन्य जिलों से आए श्रमिकों को बसों में बैठा कर रवाना कर रहा है और यहां के लोगों की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। वहीं ऐसे कई लोग हैं जो बाहरी राज्यों में फंसे अपने रिश्तेदारों व पढ़ाई करने वाले पुत्र-पुत्रियों को जैसलमेर लाना चाहते हैं, उन्हें यह जानकर बहुत निराशा हो रही है कि, बाहरी राज्यों में जाने अथवा वहां से किसी को लाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
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