
बहा रहे दुर्दशा पर आंसू: सरकारी भवन बन रहे खंडहर, अनदेखी के हो रहे शिकार
रामदेवरा गांव में एक दर्जन से अधिक ऐसे सरकारी भवन है, जिनका वर्षों से उपयोग नहीं हुआ। भवन खंडहर होने के कगार पर पहुंच गए है। गांव में लंबे समय से ऐसे कई सरकारी भवन जिम्मेदारों की उपेक्षा का दंश झेल रहे है। लाखों रुपए की धनराशि खर्च कर सरकारी भवनों का निर्माण तो करवाया गया, लेकिन अब न तो समय पर सार- संभाल की जा रही है, न ही इनकी मरम्मत कर उपयोग लायक बनाया जा रहा है। ऐसे भवन जर्जर होकर खंडहर में तब्दील होते जा रहे है। जानकारों के अनुसार यदि इनकी मरम्मत की जाती है तो कई मौकों पर इनका उपयोग भी किया जा सकता है।
भवन हो रहे खंडहर
गांव में पोकरण रोड पर यात्रिका भवन का निर्माण वर्षों पूर्व करवाया गया था। लाखों रुपए की धनराशि खर्च कर बनाए गए यात्रिका भवन का वर्षों से उपयोग नहीं हुआ है। हालांकि कुछ वर्ष पूर्व बाबा रामदेव के वार्षिक मेले में यहां सुरक्षाकर्मियों को ठहराया गया, लेकिन इसके बाद भवन की उपेक्षा इस कदर हुई कि दरवाजे व खिड़कियां अज्ञात लोग उठाकर ले गए। भवन की दीवारों में दरारें आ गई और भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया। इसी प्रकार आरसीपी रोड पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय को राउमावि में मर्ज कर दिए जाने से यह भवन भी उपेक्षित हालत में है। एक कक्ष की छत भी गिर चुकी है, जिसका मलबा भी विद्यालय में ही पड़ा है। स्कूल भवन की लगातार अनदेखी के कारण चार दिवारी भी क्षतिग्रस्त हो गई है। गांव के राजकीय आयुर्वेद आवासीय भवन का भी 3 दशक से कोई उपयोग नहीं हुआ है। गांव में नाचना चौराहे के पास सार्वजनिक निर्माण विभाग का गैंगहट भवन तो उपेक्षा ही सारे हदें पार कर चुका है। यहां जमा कीचड़, गंदगी व लगी झाडिय़ां ही स्थिति बयां कर रही है कि इसका उपयोग वर्षों से नहीं हुआ। इन सभी भवनों की समय पर देखभाल नहीं की जाती है तो इनके खंडहर होने का खतरा बना हुआ है। साथ ही भवनों के गिरने से किसी बड़े हादसे से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
गोदाम हो रहे जर्जर
गांव में वीरमदेवरा रोड पर रेलवे ट्रेक के समीप आरसीपी के करीब चार दशक पूर्व निर्माण करवाए गए बड़े गोदाम क्षतिग्रस्त होकर जर्जर होते जा रहे है। जानकारी के अनुसार करीब 40 वर्ष पूर्व इंदिरा गांधी नहर निर्माण के दौरान सीमेंट व अन्य निर्माण सामग्री को रखने के लिए गांव की वीरमदेवरा रोड आरसीपी विभाग ने 10-12 गोदामों का निर्माण करवाया था। इंदिरा गांधी नहर निर्माण के बाद एक बार भी इन विशाल गोदामों की मरम्मत नहीं की गई। यही नहीं नहर निर्माण के बाद इनका उपयोग तक नहीं हुआ। ऐसे में लाखों रुपए की धनराशि खर्च कर निर्माण करवाए गए ये गोदाम वर्तमान में खंडहर हो रहे है। गोदामों की छत पर लगाए गए टिनशेड टूट चुके है और दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई है। गोदामों के चारों तरफ झाडिय़ां लग गई है, जबकि इनकी मरम्मत व देखभाल को लेकर जिम्मेदारों की ओर से कोई कवायद नहीं की जा रही है। गोदामों के खंडहर होकर ध्वस्त होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
फैक्ट फाइल -
11 हजार है रामदेवरा की आबादी1 दर्जन क्षतिग्रस्त है सरकारी भवन
30 से 40 लाख श्रद्धालु आते है मेले में2 से 5 हजार के बीच रहते है सरकारी कार्मिक रहते है मेले में
Published on:
19 Mar 2024 10:18 pm
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