
indian Army ready to improve their own world record of hang gliding
जैसलमेर. हैंग ग्लाइडिंग के क्षेत्र में पहले से बनाए अपने विश्व रिकॉर्ड को सुधारने के लिए भारतीय सेना कदम बढ़ा चुकी है। दुबारा ईंधन भरवाए बगैर 313 किलोमीटर तक की उड़ान भर कर सेना ने पूर्व में विश्व रिकॉर्ड बनाया था, अब उसे 450 किलोमीटर करने के लिए यह स्पोर्टी विमान उड़ान भर चुका है। महाराष्ट्र के देवलाली से उड़ान भरने वाला यह विमान अहमदाबाद, पोरबंदर, मेहसाणा से बाड़मेर होता हुआ जैसलमेर पहुंचा। यहां से अब आगे बीकानेर तथा सूरतगढ़ पहुंचेगा।
देवलाली में स्थित है नोडल केंद्र
रक्षा विभाग के प्रवक्ता कर्नल संबित घोष ने बताया कि सेना के हैंग ग्लाइडिंग का नोडल केंद्र स्कूल ऑफ आर्टिलरी देेलालीव में स्थित है। यह सेना के एडवेंचर विंग के तहत काम करने वाला देश का एकमात्र ऐसा संस्थान है जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टीमों को हैंग ग्लाइडिंग का प्रशिक्षण प्रदान करता है। सेना हैंग ग्लाइडिंग टीम ने 2012 में एफएआइ द्वारा प्रमाणित एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था। जो बिना रिफ्यूलिंग के 313 किलोमीटर की सबसे लम्बी उड़ान थी। सेना हैंग ग्लाइडिंग टीम का अभियान एक बार फिर मौजूदा रिकॉर्ड को चुनौती देगा और बिना रिफ्यूलिंग के एक ही उड़ान में 450 किलोमीटर की दूरी तय करके इस रिकॉर्ड को आने वाले दिनों में बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
25 से शुरू किया अभियान
अपने विश्व रिकॉर्ड को सुधारने के लिए 12 हैंग ग्लाइडरस की टीम ने गत 25 जून को देवलाली से इस ट्रेनिंग अभियान को शुरू किया और अब तक अहमदाबाद, पोरबंदर, मेहसाणा, बाड़मेर से होकर सोमवार को 250 किलोमीटर की दूरी तय कर जैसलमेर पहुंचे हैं। यहां से वे बीकानेर और सूरतगढ़ के लिए आगे बढेंग़े। गौरतलब है कि हैंग ग्लाइडर एक विमान जैसा खेल उपकरण है जो पायलट को फ्रेम सहित उडऩे में सक्षम बनाता है। उच्च गति और पायलट कौशल पर पूर्ण निर्भरता के कारण पैरा ग्लाइडिंग और माइक्रोलाइट की तुलना में यह अधिक चुनौतीपूर्ण है। उष्मीय वायु प्रवाह के उपयोग से 1800 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है और जब तक चाहे तब तक हवा में रह सकता है। यह प्रोपेलर से उत्पादित शक्ति का उपयोग करके उपयुक्त हवा की स्थिति के बारे में चिता किए बिना उडऩे में सहायता करता है।
Published on:
03 Jul 2018 11:04 am
बड़ी खबरें
View Allजैसलमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
