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चन्द्रशेखर व्यास
Jaisalmer News : जैसलमेर. पाकिस्तान से सटी मरुस्थलीय सीमा पर तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है, और अनौपचारिक रूप से 52-53 डिग्री तक पहुंच रहा है। भीषण गर्मी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ा दिया है। पिछले साल एक जवान की हीट स्ट्रोक से मौत और कई जवानों के प्रभावित होने के बाद, इस बार अधिकारी चिंतित हैं। अप्रैल से शुरू हुई प्रचंड गर्मी और पूरा जून बाकी होने से चुनौतियां बढ़ गई हैं। जवानों को तापघात से बचाव के लिए हरसंभव उपाय अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।
सीमा सुरक्षा बल के सूत्रों के मुताबिक, रेत इतनी गर्म हो जाती है कि जवानों के जूतों के सोल पिघल रहे हैं, और चमड़ी जलने जैसी अनुभूति हो रही है। बीएसएफ के सामने सरहद की सुरक्षा के साथ जवानों के स्वास्थ्य की रक्षा की दोहरी जिम्मेदारी है।
बॉर्डर पर महिलाएं भी बड़ी तादाद में सीमा प्रहरी की भूमिका मुस्तैदी से निभा रही हैं। महिला प्रहरी भी हाथों में स्वचालित हथियारों को थामे लावे जैसे गरम रेगिस्तान में उतनी ही मुस्तैदी से ड्यूटी कर रही हैं, जितनी पुरुष जवान करते हैं।
1- जवानों के स्वास्थ्य के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं।
2- जवानों के उपचार के लिए सीमा क्षेत्र में मिनी एमआई रूम, हो सकता है तत्काल इलाज।
3- आवश्यकता पर जिला मुख्यालय या फिर उन्हें जोधपुर ले जाने की है व्यवस्था।
सीमा क्षेत्र में प्रचंड गर्मी में जवानों के लिए पीने के पानी से लेकर सभी जरूरी संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्हें हर तरह की जरूरी सुविधाओं के लिए निर्देश दिए गए हैं।
योगेन्द्र सिंह, उपमहानिरीक्षक, बीएसएफ नॉर्थ, जैसलमेर
भीषण गर्मी के मद्देनजर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है। शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में भी चिकित्सा केंद्रों पर गर्मी से पीड़ितों के उपचार की व्यवस्था है।
डॉ. आरके पालीवाल, सीएमएचओ, जैसलमेर
जैसलमेर जिले में इस बार तीव्र गर्मी पड़ रही है। आगामी दिनों में पारा और चढ़ेगा। रेगिस्तानी सीमा क्षेत्र में तापमान 50 डिग्री तक पहुंचने की आशंका हैं।
अतुल गालव, मौसम वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, जैसलमेर
Updated on:
18 May 2025 10:39 am
Published on:
18 May 2025 10:36 am
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