जवानों के पिघल रहे हैं जूतों के सोल
सीमा सुरक्षा बल के सूत्रों के मुताबिक, रेत इतनी गर्म हो जाती है कि जवानों के जूतों के सोल पिघल रहे हैं, और चमड़ी जलने जैसी अनुभूति हो रही है। बीएसएफ के सामने सरहद की सुरक्षा के साथ जवानों के स्वास्थ्य की रक्षा की दोहरी जिम्मेदारी है।बॉर्डर पर महिलाएं भी पूरी तरह मुस्तैद
बॉर्डर पर महिलाएं भी बड़ी तादाद में सीमा प्रहरी की भूमिका मुस्तैदी से निभा रही हैं। महिला प्रहरी भी हाथों में स्वचालित हथियारों को थामे लावे जैसे गरम रेगिस्तान में उतनी ही मुस्तैदी से ड्यूटी कर रही हैं, जितनी पुरुष जवान करते हैं।ऐसे किए जाएं बचाव
1- जवानों के स्वास्थ्य के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं।2- जवानों के उपचार के लिए सीमा क्षेत्र में मिनी एमआई रूम, हो सकता है तत्काल इलाज।
3- आवश्यकता पर जिला मुख्यालय या फिर उन्हें जोधपुर ले जाने की है व्यवस्था।
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संसाधनों की कमी नहीं
सीमा क्षेत्र में प्रचंड गर्मी में जवानों के लिए पीने के पानी से लेकर सभी जरूरी संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्हें हर तरह की जरूरी सुविधाओं के लिए निर्देश दिए गए हैं।योगेन्द्र सिंह, उपमहानिरीक्षक, बीएसएफ नॉर्थ, जैसलमेर
चिकित्सा विभाग सर्तक
भीषण गर्मी के मद्देनजर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है। शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में भी चिकित्सा केंद्रों पर गर्मी से पीड़ितों के उपचार की व्यवस्था है।डॉ. आरके पालीवाल, सीएमएचओ, जैसलमेर
जैसलमेर जिले में पड़ रही है इस बार तीव्र गर्मी
जैसलमेर जिले में इस बार तीव्र गर्मी पड़ रही है। आगामी दिनों में पारा और चढ़ेगा। रेगिस्तानी सीमा क्षेत्र में तापमान 50 डिग्री तक पहुंचने की आशंका हैं।अतुल गालव, मौसम वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, जैसलमेर