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जैसलमेर: पोकरण में सेना का दम, स्वदेशी तोपों से गूंजा रेगिस्तान, नाग मिसाइल का भी सफल परीक्षण

जैसलमेर की पोकरण फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने 155 एमएम देशी तोपों से सटीक निशाने साधकर ‘लाउड, लैथल और अनमैच्ड’ शक्ति का प्रदर्शन किया। मेक इन इंडिया की ताकत दिखाते हुए कोणार्क कॉर्प्स ने दुश्मनों को चेतावनी दी। नाग मिसाइल का परीक्षण भी सफल रहा।

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Jaisalmer

सीमा क्षेत्र में सेना ने दिखाया 155 एमएम तोपों का दम (फोटो- पत्रिका)

जैसलमेर: भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान की सीमा से सटे जैसलमेर जिले में अभ्यास के दौरान 155 एमएम तोपों से सटीक निशाने लगाकर देश के दुश्मनों के सामने एक तरह से अपनी पुख्ता तैयारी का एलान कर दिया गया है। एशिया की सबसे बड़ी पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में कोणार्क कॉर्प्स के जवानों ने देश में निर्मित और विकसित इन तोपों से सटीक निशाने लगाए।


सेना ने अभ्यास का ध्येय वाक्य ‘लाउड, लैथल और अनमैच्ड’ यानी जोरदार, घातक और बेजोड़ रखा। यह तोपें रक्षा उपकरणों और गोला बारूद के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का भी परिचायक हैं, जिनके माध्यम से सीमा क्षेत्र में कोणार्क कॉर्प्स के जवानों ने सटीक निशाने लगाए।


रेंज में धमाकों की गूंज


पोकरण फील्ड फायरिंग की सरजमीं पर 155 एमएम आर्टिलरी के धमाकों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। भारतीय सेना की तरफ से यह भी साफ किया गया है कि वह शक्ति के लिए तेजी से दूसरों की बजाए आत्मनिर्भरता हासिल कर रही है। इन तोपों की तकनीकी को भी अभ्यास के दौरान परखा गया। इन परीक्षणों से हथियारों व गोला बारूद के क्षेत्र में मेक इन इंडिया की दहाड़ भी सुनाई दी है।


नाग मिसाइल का सफल परीक्षण


गौरतलब है कि इसी फायरिंग रेंज में इसी साल की शुरुआत में भारत ने स्वदेश में निर्मित नाग मिसाइल का सफल परीक्षण भी किया था। तीसरी पीढ़ी की स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग के परीक्षण में मिसाइल ने तीन अलग-अलग लक्ष्यों को पूरी सटीकता के साथ ध्वस्त किया। यह मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से लक्ष्य पर हमला करती है।