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सुविधाओं के इंतजार में पथरा गई आंखे,फिर जगी उम्मीदें,नए सांसद से जैसाण को यह है आशाएं….

locationजैसलमेरPublished: May 25, 2019 10:05:31 am

Submitted by:

Deepak Vyas

-पर्यटन, रेल यातायात और औद्योगिक विकास को देनी होगी गति

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सुविधाओं के इंतजार में पथरा गई आंखे,फिर जगी उम्मीदें,नए सांसद से जैसाण को यह है आशाएं….

जैसलमेर. क्षेत्रफल के लिहाज से देश के दूसरे सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर से भाजपा के कैलाश चौधरी से सीमावर्ती जैसलमेर को कई उम्मीदें हैं। ये उम्मीदें कोई नई नहीं हैं बल्कि वर्षों पुरानी हैं। यह और बात है कि, उनके साकार होने का इंतजार अब तक बना हुआ है। जैसलमेर में सालाना आठ लाख से अधिक देशी-विदेशी सैलानी भ्रमण के लिए पहुंचते हैं। यह सिलसिला न सिर्फ बना रहे बल्कि उनकी संख्या और बढ़े, इसके लिए जरूरी है कि जैसलमेर में नए पर्यटन क्षेत्रों का विकास किया जाए। लंबे अर्से से जैसलमेर में बॉर्डर टूरिज्म को विकसित करने की जरूरत प्रत्येक स्तर पर जाहिर की जाती रही है। अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र से संबद्ध होने के कारण यह कार्य केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। सांसद कैलाश चौधरी को इस संबंध में प्रयास करने की दरकार है। वैसे जैसलमेर के सीमावर्ती तनोटराय मंदिर में दर्शन करने प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में देशभर से लोग आते हैं। उनके साथ विदेशियों को अगर सीमा क्षेत्र के भ्रमण का मौका मिले तो जैसलमेर में न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यहां पर्यटकों का ठहराव भी मिलेगा। वैसे समय-समय पर सीमा सुरक्षा बल के उच्चाधिकारी इस संभावना के पक्ष में अपनी राय जाहिर कर चुके हैं।
बढ़े लम्बी दूरी की रेलों के फेरे
जैसलमेर से वर्तमान में मुम्बई और कोलकाता के लिए सप्ताह में एक दिन सीधी टे्रन की सुविधा है। वर्षों से इन ट्रेनों के फेरे बढ़ाने की मांग उठाई जाती रही है। ऐसा होने से जैसलमेर के बाशिंदों को जहां सुविधा मिलेगी वहीं देश-दुनिया के सैलानी भी लाभान्वित होंगे। ऐसे ही जैसलमेर को पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिण भारतीय शहरों से टे्रनों के माध्यम से जोड़े जाने की भी जरूरत है। नए सांसद को इस दिशा में प्रयास करने की दरकार है।
आगे बढ़ाए भाभर लाइन का कार्य
जैसलमेर से गुजरात के भाभर तक नई रेल लाइन बिछाने का मसला भी सालों से लम्बित है। केंद्र सरकार इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपए का प्रावधान भी कर चुकी है, लेकिन उसके बाद पिछले दो-तीन रेल बजटों में इस विषय को छुआ तक नहीं गया। जैसलमेर-भाभर रेल लाइन के यथार्थ में बिछने से जैसलमेर के साथ बाड़मेर जिले की तकदीर संवर सकेगी। नए सांसद को इसी तरह से हमीरा-सोनू रेल लाइन के कार्य को तेजी से पूरा करवाने की दिशा में भी प्रयास करने होंगे। यह कार्य पिछले सालों से बहुत मंथर गति से ही आगे बढ़ा है।
पुख्ता करवाएं सीमा सुरक्षा
पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा का सबसे बड़ा हिस्सा जैसलमेर जिले में आया हुआ है। करीब ४७१ किलोमीटर इस सीमा क्षेत्र में अन्य जगहों पर तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं लेकिन जिले के शाहगढ़ बल्ज में ३२ किलोमीटर का क्षेत्र शिफ्टिंग सेंड ड्यून्स के कारण चिंता का सबब रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए सांसद को केंद्रीय गृह मंत्रालय स्तर से प्रयास करने होंगे। यह मुद्दा गत वर्षों से उच्च स्तर तक उठाया जाता रहा है। इनके अलावा भाजपा सांसद को जैसलमेर के सीमावर्ती इलाकों में गैस उत्पादन कार्य में तेजी लाने, सरस्वती नदी की खोज कार्य को मंजिल तक पहुंचाने और पर्यटन व प्रस्तर के अन्य उद्योगों की दृष्टि से पिछड़े जैसलमेर के औद्योगिक विकास में भी रुचि दिखानी होगी।
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