
सरहदी जिले जैसलमेर के लिए लंबे इंतजार के बाद बड़ी सौगात मिली है। जिले में मेडिकल कॉलेज के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन ने 50 सीटों को स्वीकृति प्रदान की है। नए सत्र 2025-26 से कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश होंगे। राज्य सरकार की ओर से टोंक और जैसलमेर दोनों नई सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए 100-100 सीटों की मांग की गई थी, लेकिन एनएमसी ने फिलहाल 50-50 सीटें ही स्वीकृत की हैं।.रामगढ़ बाइपास मार्ग पर 325 करोड़ की लागत से बन रहे मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का निर्माण अंतिम चरण में है। चिकित्सा विभाग के अनुसार कॉलेज का आवश्यक शैक्षणिक ब्लॉक लगभग तैयार है। अगले कुछ महीनों में यह कॉलेज संबंधित विभाग को सुपुर्द कर दिया जाएगा।
पहले चरण में 47,975 वर्गमीटर क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है, जबकि 345 बेड की क्षमता वाला नया जिला अस्पताल 35,419 वर्गमीटर क्षेत्र में बन रहा है। यहां शैक्षणिक ब्लॉक, हॉस्टल, मेस ब्लॉक, खेल मैदान, फैकल्टी व स्टाफ निवास की सुविधा उपलब्ध होगी। अस्पताल में ओपीडी, आपातकालीन वार्ड, आईसीयू, ओटी कॉम्पलेक्स, ब्लड बैंक, रेडियोलॉजी और आधुनिक प्रयोगशालाएं बनाई जा रही हैं।
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस परियोजना पर खर्च कर रही हैं। कुल 325 करोड़ में से 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार व्यय करेगी। 2019 में केंद्र सरकार ने जैसलमेर मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी, लेकिन कोविड-19 और अन्य कारणों से निर्माण कार्य में देरी हुई। अब कार्य तेजी से चल रहा है और आगामी जून-जुलाई में काउंसलिंग के बाद छात्रों का प्रवेश शुरू हो जाएगा।
जिले में मेडिकल कॉलेज शुरू होने जा रहा है। यह कॉलेज न केवल स्थानीय विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का अवसर उपलब्ध कराएगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्र में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का नया अध्याय भी खोलेगा।
कॉलेज के प्रथम चरण का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष कार्य भी इसी वर्ष पूरे हो जाएंगे। काउंसलिंग के बाद प्रवेश शुरू होगा।
सरहदी जैसलमेर जिले में राजस्थान पत्रिका ने मेडिकल कॉलेज को शुरू करने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए सिलसिले बार समाचारों का भी प्रकाशन किया गया था। पत्रिका के मुहिम रंग लाई और अब मेडिकल कॉलेज शुरू करने की कवायद की जा रही है।
Published on:
05 Sept 2025 11:05 pm
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