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पैदल संघ ने निभाई बाबा रामदेव का विवाह की रस्म,सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित

- महिला सदस्यों ने पुरुषों की कलाई पर बांधी राखियां-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर निकाली रैली

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jaisalmer

पैदल संघ ने निभाई बाबा रामदेव का विवाह की रस्म,सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित

पोकरण. बाबा रामदेव के मेले में इन दिनों रामदेवरा सहित पोकरण में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। जोधपुर से आने वाले पदयात्री संघ रामदेवरा में बाबा की समाधि के दर्शनों से पूर्व पोकरण में एक रात्रि विश्राम कर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते है। ऐसे में रामदेवरा के साथ पोकरण में भी मेले जैसा माहौल देखने को मिलता है। जोधपुर सोजती गेट सर्वसमाज पदयात्री संघ के सैंकड़ों सदस्य पोकरण पहुंचे तथा सोमवार व मंगलवार को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। पदयात्रियों के पड़ावस्थल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मैदान में गत दो दिनों से चहल पहल लगी हुई है।

निभाई बाबा रामदेव के विवाह की रस्म
सर्वसमाज के इस संघ की ओर से गत कई वर्षों से पोकरण में पड़ाव स्थल पर बाबा रामदेव के विवाह की रस्म अदा की जाती है। इसी के अंतर्गत संघ के सदस्यों ने पड़ाव स्थल पर बाबा रामदेव के विवाह प्रसंग का आयोजन किया। इस दौरान कुछ कलाकारों ने बाबा रामदेव व राणी नैतलदे के रूप में स्वांग रचकर विवाह की रस्म अदा की तथा संघ में आए एक वरिष्ठ दम्पति की ओर से नैतलदे के माता-पिता के किरदार में विधि विधान के साथ कन्यादान किया गया। इस अवसर पर संघ के साथ आए बालक बालिकाओं ने विभिन्न देवी देवताओं के स्वांग रचकर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जो मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे।

राखी बांधकर बनाए भाई
जोधपुर सोजती गेट से प्रतिवर्ष आने वाले इस संघ के सदस्यों ने बताया कि यह संघ जोधपुर से आने वाला सबसे पुराना पैदल यात्री संघ है, जो गत 37 वर्षों से लगातार मेले के दौरान यहां आता है तथा बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन व प्रसादी के बाद जोधपुर रवाना होता है। उन्होंने बताया कि इस संघ में एक अनूठी परंपरा रही है कि संघ में आने वाले सभी पुरुष व महिलाएं अपने आप को भाई -बहन मानते हुए साथ चलते है तथा पोकरण में रक्षाबंधन का पर्व मनाते है। उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि किसी भी तीर्थस्थल पर जाने पर साथ में आई महिलाएं अपने पुरुष सदस्यों की कलाई पर राखी बांधकर न केवल रक्षा का संकल्प लेती है, बल्कि भाई बहन के रिश्ते को मजबूत करते है। मंगलवार को भी यहां पदयात्री संघ के साथ आई महिलाओं ने पुरुष पदयात्रियों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर तीर्थस्थल पर धर्मभाई बनाने की रस्म निभाई।