
मृतकों के फाइल फोटो: पत्रिका
Rajasthan News: जैसलमेर बस हादसा स्वरूप सेन के परिवार के लिए भयंकर दुखद साबित हुआ। दरअसल स्वरूप सैन और उनका भांजा जस्सू इस हादसे के शिकार हुए। दोनों ही अपने-अपने परिवार के इकलौते चिराग थे।
स्वरूप इस साल होली पर अपने पिता को खो चुके थे और अब दीपावली से पहले उनका और भांजे का भी जीवन अचानक समाप्त हो गया।
हादसे के तीसरे दिन जब स्वरूप और जस्सू के शव पहुंचे तो पूरे परिवार और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बुजुर्ग मां अब अकेली रह गई हैं। परिवार के लोग और रिश्तेदार इस दुःखद घड़ी में उनके साथ खड़े हुए।
सूथला क्षेत्र से अर्थी उठाते समय हर आंख नम थी। स्थानीय लोग भी परिवार के दुःख में शामिल हुए। हादसे की भयावहता यह थी कि बस में आग लगने के कारण स्वरूप और जस्सू जिंदा जल गए। उनके शवों को परिवार ने संभालते हुए अंतिम संस्कार के लिए ले जाया। इस हादसे ने न केवल परिवार की खुशियों को समाप्त किया बल्कि पूरे इलाके में मातम फैला दिया।
डीएनए परीक्षण रिपोर्ट के बाद 9 शव एम्स हॉस्पिटल और 9 शव महात्मा गांधी हॉस्पिटल (एमजीएच) जोधपुर में रखे गए हैं। इनकी पहचान हो चुकी है।
कुल 19 शवों में से एक शव की अब तक पहचान नहीं हो पाई है, जो एम्स हॉस्पिटल में रखा हुआ है।
Updated on:
17 Oct 2025 12:10 pm
Published on:
17 Oct 2025 12:09 pm
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