scriptजालोर में स्वाइन फ्लू से मौत की भेंट चढ़ी 3 जिंदगियां | 3 deaths in Jalore by Swine flu | Patrika News

जालोर में स्वाइन फ्लू से मौत की भेंट चढ़ी 3 जिंदगियां

locationजालोरPublished: Jan 04, 2019 11:42:04 am

कहीं भयावह न हो जाए स्वाइन फ्लू

Swine flu

जालोर में स्वाइन फ्लू से मौत की भेंट चढ़ी 3 जिंदगियां

जीतेश रावल
जालोर. स्वाइन फ्लू के लिहाज से शांत माने जाने वाले जालोर में यह बुरी खबर है। यहां दो माह में ही सात मरीज इसकी चपेट में आ चुके हैं।स्वाइन फ्लू से पीडि़त दो महिलाओं की मौत भी हो गई।इनमें से एक गर्भवती थी।ऐसे में तीन जिंदगियां काल का ग्रास बन गई। सर्दी का सितम बढऩे के साथ ही स्वाइन फ्लू का प्रकोप भी बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि सर्द मौसम के ये चार माह स्वाइन फ्लू के लिहाज से ज्यादा संवेदनशील है। वैसे चिकित्सा महकमा बचाव के लिए केवल एहतियात बरतने की ही हिदायत दे पा रहा है बचाव के ठोस या पुख्ता प्रबंध है ही नहीं। यही कारण है कि जिले में गंभीर बीमारी से पीडि़तों को या तो जोधपुर जाना पड़ रहा है या अहमदाबाद। स्वाइन फ्लू की पुष्टि भी उच्च संस्थान में जांच के दौरान ही हो रही है।
आहोर व सांचौर में स्वाइन फ्लू
गत दो माह में आहोर व सांचौर क्षेत्र में कुल सात मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है।इनमें से चरली (आहोर) की महिला को अहमदाबाद ले जाया गया था, वहीं डावल (सांचौर) की महिला को जोधपुर। इन दोनों ही मरीजों का उपचार के दौरान दम टूट गया। डावल निवासी मृतका गर्भवती थी। अन्य पांच मरीज उपचार के बाद ठीक हो गए।
एहतियात बरतने की सलाह
अधिकारी बताते हैं कि सर्द मौसम में स्वाइन फ्लू का प्रकोप कुछ ज्यादा रहता है। इससे बचाव के लिए ठंड से बचने की जरूरत रहती है। साथ ही सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण दिखने पर तत्काल ही उपचार लेना चाहिए। समय रहते इलाज मिलने से मरीज जल्द ठीक हो सकता है।
इसलिए मरने को मजबूर मरीज
बताया जा रहा है कि गांवों में पुख्ता इलाज नहीं मिलने से मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है। कुछ दिनों बाद उसे जिला मुख्यालय भेज देते हैं, लेकिन यहां भी उपचार के नाम पर कुछ नहीं मिलता। इससे मरीज जोधपुर या अहमदाबाद जाने को मजबूर होता है, लेकिन इतने दिनों में वह गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। ऐसे में मरीज काल का ग्रास बन जाता है।
स्थिति नियंत्रण में है…
सर्द मौसम में स्वाइन फ्लू के कुछ मरीज सामने आए हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। लोगों को इस तरह के लक्षण दिखने पर तत्काल ही उपचार लेना चाहिए।चिकित्सा संस्थानों में दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
-डॉ.एसके चौहान, डिप्टी सीएमएचओ, जालोर
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