10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भवन की लागत 75 लाख, ठेका लिया 53 लाख में

कम राशि के ठेके से गुणवत्ता प्रभावित होने का अंदेशा, पुख्ता निगरानी को लेकर अनदेखी कर रहे जिम्मेदार

2 min read
Google source verification
Jalore News

जालोर. जिस भवन को बनाने में 75 लाख रुपए खर्च करने थे उसमें अब 53 लाख ही व्यय किए जाएंगे। ठेकेदार ने यह कार्य कम राशि में लिया है।

कम प्रतिशत का आवेदन जमा होने से यह टेंडर इस ठेकेदार के नाम खुला। महकमे को इससे करीब १७ लाख रुपए का फायदा हो रहा है। यह दीगर बात है किकम राशि का ठेका होने से भवन की गुणवत्ता प्रभावित होगी। मामला लाल पोल में निर्माणाधीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। कम राशि का ठेका होने से कार्य में घालमेल का अंदेशा बना हुआ है, लेकिन जिम्मेदार इसकी पुख्ता निगरानी को लेकर अनदेखी कर रहे हैं।

निगरानी रखते तो काम पूरा हो जाता

स्वास्थ्य विभाग में भवन निर्माण कार्यों के लिएएनआरएचएम ने अलग से सिविल विंग गठित कर रखी है, लेकिन भवनों कीनिगरानी पर पूरा ध्यान नहीं दिया जा रहा।कम राशि में ठेका उठाने वालों पर विशेष निगरानी रखनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। नतीजतन, ठेकेदार अपनी मर्जी से कार्य चला रहे हैं। अरबन पीएचसी के निर्माण में समुचित निगरानी रखते तो काम भी समय पर पूरा हो जाता।

बैठक में उठा था मुद्दा

कलक्ट्री सभागार में गत १३ अक्टूबर को जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक में प्रभारी मंत्री के सामने भी भवन की गुणवत्ता को लेकर मामला उठ चुका है। जालोर विधायक ने लाल पोल क्षेत्र में बन रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन की गुणवत्ता सुधारने पर जोर दिया था। इस पर प्रभारी मंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया था।

इसलिए बिजली सरकारी खाते से

अपने नुकसान की भरपाई के लिएमाल में ही कंजूसी बरती जाएगी।इससे कार्य की गुणवत्ता में कमी आना लाजिमी है। ठेकेदार इस भवन के निर्माण में उपयोग होने वाली बिजली का खर्च भी सरकारी खाते से करना चाहता है।यही कारण है कि पीएचसी के कनेक्शन से ही बिजली लाइन जोड़ दी गई। शुरू से घालमेल चल रहा है, लेकिन जिम्मेदार मौन है।

देरी हुई है...

अरबन पीएचसी के लिए भवन बनाने का काम चल रहा है।कुछ देरी हुई है, लेकिन जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। हम समय-समय पर जांच भी करते है।

-दिनेश जोशी, एक्सईएन, एनआरएचएम, जालोर