
महिला कांस्टेबल की बाइक और फाइल फोटो: पत्रिका
Woman Constable Crushed By Trailer: सांचौर शहर से गुजर रहे क्षतिग्रस्त नेशनल हाइवे-68 पर सड़क हादसे में महिला कांस्टेबल ने जान गंवा दी। महिला कांस्टेबल चूंकी देवी बाइक चलाकर सोमवार को कारोला से कमालपुरा सरहद में अपने पति को एक व्यापारी प्रतिष्ठान पर छोड़कर सांचौर ड्यूटी पर जा रही थी। इसी दौरान हाइवे पर गहरे गड्ढों के कारण बाइक का संतुलन बिगड़ गया। पास से गुजर रहे ट्रेलर की चपेट में आने से कांस्टेबल चूंकी बाइक से गिर गई।
हादसे में चूंकी के सिर में गंभीर चोट आई। जिसे नजदीक के निजी अस्पताल ले जाया गया जहां स्थिति गंभीर होने पर रेफर कर दिया गया। उसने बीच रास्ते दम तोड़ दिया। कांस्टेबल की मौत के बाद परिवार में मातम छा गया वहीं पुलिस महकमे में भी शोक की लहर छा गई।
इधर महिला कांस्टेबल की एक पोस्ट भी वायरल हो रही जिसमें वह हेलमेट पहनी नजर आ रही। सोमवार को हादसे के दौरान चूंकी ने हेलमेट नहीं पहना था और हादसे में सिर में गंभीर चोट से ही उसकी मौत हुई।
नेशनल हाइवे-68 टू-लेन है। बारिश के दौरान पूरा बिखरने के बाद यह क्षतिग्रस्त मार्ग जानलेवा साबित हो रहा है। सोमवार सवेरे बाइक से ड्यूटी जा रही महिला पुलिसकर्मी की क्षतिग्रस्त मार्ग पर हादसे में मौत हो गई।
शहरवासियों ने एनएचएआई के खिलाफ हाइवे के घटिया निर्माण को लेकर रोष जताया। लोगों का कहना था कि धमाणा का गोलियां सरहद से माखुपुरा तक दोनों क्षेत्र में हाइवे पूरी तरह से बिखर चुका है। हाइवे की कंकरीट भी गायब हो गई है। ऐसे में इस क्षेत्र में धूल के गुबार से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश से बिखरे हाईवे को तीन माह से ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद भी क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त नहीं हादसे हो रहे है।
कांस्टेबल चूंकी देवी सवेरे अपने पति को किसी काम से बाइक पर छोड़कर डिप्टी ऑफिस आ रही थीं। इस दौरान कमालपुरा सरहद खराब सड़क की वजह से संतुलन बिगड़ गया। जिससे ट्रेलर की चपेट में आने से गम्भीर रूप से घायल हो गई जिसको इलाज के गुजरात ले जाते वक्त निधन हो गया।
देवेन्द्र सिंह, थानाधिकारी, सांचौर
नेशनल हाइवे-68 के अंतर्गत गरडाली से गांधव तक करीब 40 किलोमीटर सड़क का हिस्सा राजस्थान के हिस्से में है। इस टूट चुके मार्ग को करीब 2 साल पूर्व 33 करोड़ की लागत से नया बनाया गया। कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हुए थे, लेकिन किसी तरह की जांच और कार्रवाई नहीं हुई। अभी यह मार्ग गारंटी पीरियड में है लेकिन पूरी तरह से टूट चुका है।
नेशनल हाइवे पर लगातार हादसों के बावजूद एनएचएआई के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे है। हाइवे की मरम्मत के बजाय अधिकारी पूरी तरह से उदासीन रवैया अपनाए हुए है। राजस्थान पत्रिका की ओर से नेशनल हाइवे के हालात को लेकर लगातार समाचार प्रकाशित कर प्रशासन को संभावित हादसों से अवगत भी करवाया गया। बावजूद न तो एनएचआई और ना ही प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया।
Published on:
30 Sept 2025 12:21 pm
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