scriptगोल मठाधीश के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब | Crowd of people on Last visit of Sant Rawat Bharti in Gol Ummedabad | Patrika News

गोल मठाधीश के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

locationजालोरPublished: Sep 06, 2018 11:09:01 am

वर्ष 1945 में ओटवाला गांव में हुआ था जन्म, 12 वर्ष की आयु में घर त्याग कर अपनाया संन्यासी जीवन

Sant Rawat Bharti Ummedabad Jalore

Crowd of people on Last visit of Sant Rawat Bharti in Gol Ummedabad

जालोर/केशवना (उम्मेदाबाद). चारों ओर गूंजते धर्म के जैकारे, श्रद्धा से सराबोर श्रद्धालु और आसमान में उड़ता गुलाल। मौका था बुधवार को गोल (उम्मेदाबाद) स्थित शीलेश्वर महादेव मठ के मठाधीश रावताभारती के देवलोकगमन पर निकाली गई अंतिम यात्रा का। बैकुंठी में निकाली गई संत की अंतिम यात्रा के दौरान दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। दशनाम नवनाथ षड् दर्शन मंडल के अध्यक्ष महंत रावतभारती का देवलोकगमन बुधवार अलसवेरे करीबन पांच बजे हुआ।
महंत के देवलोकगमन का समाचार सुनते ही अलसवेरे से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर करीबन 12 बजे विधिवत रूप से संत की बैकुंठी निकाली गई। इससे पहले मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने संत की पार्थिव देह के समक्ष नारियल और श्रद्धा सुमन अर्पित किए। बैकुंठी में केशवना, आलासन, खरल, ओटवाला, ऐलाना, डांगरा, सायला, कतरोसन व मांडवला समेत जालोर, सिरोही, पाली व अन्य प्रांतों से भी श्रद्धालु पहुंचे। मंदिर परिसर से ढोल ढमाकों व बैंड पर भक्ति गीतों के साथ बैकुंठी रवाना हुई जो विभिन्न मार्गों से होकर पुन: मंदिर परिसर पहुंची। जहां भैंसवाड़ा मठ के महंत रणछोड़भारती समेत अन्य साधु-संतों के सान्निध्य में अन्नपूर्णा मंदिर के निकट पूर्व में स्थापित समाधि स्थल पर संत को करीबन 3 बजे समाधि दी गई। इस दौरान भवानीसिंह बाकरा, लक्ष्मणसिंह ऐलाना, नारायणसिंह केशवना, तखतसिंह पहाड़पुरा, लच्छीराम माली, दामोदर खत्री, दौलतसिंह, रूपसिंह, पहाड़सिंह, जोरसिंह, कमलेश यति, मोहनमाली, भोलाराम, गोपालसिंह पुरोहित सांकरणा, सरपंच गजाराम राणा व उपसरपंच नगेन्द्रयति सहित आस-पास के दर्जनों गांवों के लोग मौजूद थे।
पहुंचे साधु-संत
महंत के देवलोकगमन पर जालोर सिरेमंदिर से महंत गंगानाथ, पूनासा महंत बाबूगिरी, गजीपुरा मठ से प्रेमभारती, सुरेश्वर मठ पांडगरा से परबतगिरी, नारणावास से महेंद्रगिरी, पलासणी से कैलाशनाथ, बडग़ांव से लहरभारती, मांडवला से लालभारती, झूपड़ी से शंकरपुरी, वालेरा से पारसभारती, सुराणा से मंगलाईनाथ, धनाणी से महंत भोलाभारती, धनजीवाड़ा से ईश्वरगिरी, चौहटन से जगदीशपुरी, बाड़मेर से नारायाणपुरी, शिकारपुरा से सांवलाराम, लुम्बा की ढाणी से गुलाबाराम, सरत से नारायणस्वरूप, ऊनड़ी से उमाभारती, जावाल से जबरपुरी, वराड़ा से रमेशभारती व केशवना से संत समेत कई साधु-संत पहुंचे।
संत का जीवन परिचय
शीलेश्वर महंत रावतभारती महाराज का जन्म जालोर जिले के ओटवाला में विक्रम संवत 2002 को ज्येष्ठ सुदी तृतीया को हुआ था। उनके पिता का नाम गणेशभारती व माता का नाम गंगादेवी था। बाल्यकाल में ही महंत के सिर से पिता की साया हट गया था। ऐसे में संत 12 वर्ष की अल्पायु में ही घर त्याग कर विक्रम संवत 2012 को महाशिवरात्रि के दिन मंदिर के १७वें महंत फूलभारती के सान्निध्य में पहुंचे। जहां उन्होंने विधिवत रूप से दीक्षा व शिक्षा ग्रहण की। 22 वर्ष की आयु में डूंगरभारती के देवलोकगमन पर विक्रम संवत 2048 माघ सुदी द्वादशी व त्रयोदशी को भंडारे के आयोजन के दौरान महंत १९वें गादीपति बने।
सरपंच बन किया विकास
गांव के विकास की बागडोर को लेकर भारी बहुमत से वर्ष 1981 में महंत रावतभारती को सरपंच पद की जिम्मेदारी भी मिली। महंत ने सरपंच पद पर रहते हुए गांव के विकास के लिए कई कल्याणकारी कार्य करवाए। इसके बाद बुधवार को महंत का 73 वर्ष की आयु में देवलोकगमन हुआ।
बाजार बंद, स्कूलों में मौन रख दी श्रद्धांजलि
शीलेश्वर महादेव मठ उम्मेदाबाद के महंत रावतभारती के देवलोकगमन पर पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। पूरे दिन हर किसी की जुबान पर संत की चर्चा रही। कस्बे के व्यापार मंडल की ओर से पूरे दिन बाजार बंद रखा गया। वहीं सरकारी व निजी विद्यालयों में मौन व्रत रखकर संत को श्रद्धांजलि दी गई।
शंभुरोट कल
जालोर. गोल मठाधीश रावतभारती महाराज के देवलोकगमन को लेकर शुक्रवार को शंभुरोट का आयोजन किया जाएगा। जिसमें साधु-संतों सहित काफी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे। यह जानकारी लेटा भैंसवाड़ा के महंत रणछोड़भारती ने दी।

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