
समुद्र हिलोरने कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोग। फोटो: पत्रिका
जालोर। भाई बहन के अटूट रिश्ते को लेकर सियाणा क्षेत्र के मेडा ऊपरला गांव में आजादी के बाद पहली बार शुक्रवार को समुद्र हिलोरने के कार्यक्रम का आयोजन हुआ। समुद्र मंथन कार्यक्रम में बुजुर्ग भाइयों ने बहनों को चुनरी ओढ़ाई। भाइयों व बहनों ने एक दूसरे को हाथों में भरकर तालाब का पानी पिलाया।
मेडाऊपरला गांव में शुक्रवार को तालाब हिलोर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तालाब हिलोर कार्यक्रम को लेकर लोग नाचते, गाते, बजते ढोल धमाकों के साथ सिर पर रंग बिरंगे फूलों से जड़े कलश को धारण किए छिपरवाडा मुख्य सड़क मार्ग पर माताजी तालाब पहुंचे। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
जहां पर गांव के पन्नेसिंह बालावत ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तालाब की पूजा अर्चना की। भाइयों ने बहनों को चुनरी ओढ़ाकर परंपरा का निर्वहन किया। गांव के चांदाराम देवासी ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार गांव में समुद्र हिलोरने का कार्यक्रम आयोजित हुआ है।
सवेरे महिलाओं ने विभिन्न परिधानों पर सज-धज कर तालाब के चारों ओर परिक्रमा लगाते हुए विभिन्न गीत गाए। उन्होंने ओ म्हारा सासुजी समंदरियो हिलोरा खाए…, जेठ-आषाढ़ वरिया-वरिया…वीरा दल बादल उजले…आदि गीतों का गान कर परंपरा निभाई।
महिलाएं ने व्रत रखा तथा अपने घर से मिष्ठान्न से भरा मटका लेकर तालाब पर पहुंची। वहां भाइयों ने बहनों को उपहार एवं चुंदड़ी ओढ़ाकर अपने हाथ से तालाब का पानी पिलाया। भाइयों ने अपनी बहनों के ससुराल में सुख समृद्धि व सदा सुखी रहने की कामना भगवान से की। इसके बाद बहनों ने परिवार में सुख-समृद्धि व भाई के दीर्घायु की कामना कर व्रत खोला।
Published on:
30 Aug 2025 12:09 pm
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