टीम ने सुबह यहां प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद जालोर तहसील के नारणावास, नया नारणावास, दी गांव, नागणी, भेटाला समेत अन्य गांवों का दौरा किया। यहां खेतों में खड़ी फसल, बंजर पड़े खेत और कुओं का जलस्तर देखा। टीम सदस्यों ने क्षेत्र में सूखे के हालातों पर जायजा लेते हुए प्रशासनिक व कृषि अधिकारियों के साथ भी विचार-विमर्श किया। नया नारणावास के रूपसिंह राठौड़ ने क्षेत्र में अकाल के हालातों से टीम को अवगत करवाया। चार सदस्यीय टीम में कृषि को-ऑपरेशन एवं किसान कल्याण के संयुक्त निदेशक (डीडब्ल्यूडी) नरेंद्रकुमार, सिस्टम मैनेजर प्रीति टेहलानी, कंसल्टेंट दीनानाथ व जीआर गार्गर शामिल रहे। दोपहर बाद आहोर क्षेत्र का जायजा लेकर टीम ने जोधपुर के लिए प्रस्थान किया।स्थानीय स्तर पर जालोर एसडीएम राजेंद्रसिंह, कृषि उप निदेशक डॉ. आरबी सिंह, कृषि अधिकारी फूलाराम मेघवाल आदि साथ रहे।
राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार भी देखा तथा प्रति साथ ले गए। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में अकाल की स्थिति को समाचार के जरिए बखूबी सामने लाया गया है। उल्लेखनीय है कि 17 दिसम्बर को राजस्थान पत्रिका में ‘खरीफ में खोया पूरा साल, रबी से भी ज्यादा आस नहींÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया कि अकाल की काली छाया से किसान चिंतित है।