शराब के ठेकों को बेचना या खरीदना नियमों के तहत गलत है। नियमानुसार जिस आवेदक को ठेका आवंटित होता है वहीं इसका संचालन कर सकता है। किसी दूसरे को हस्तांतरित करने पर ठेका निरस्त करने की कार्रवाई भी हो सकती है।
एक नजर यहां भी:::: https://goo.gl/S8aFJq::: jalore : हवा में टंगे रह गए आबकारी के सवा चौदह करोड़!
हो रहे परस्पर मोलभावबताया जा रहा है कि इन दिनों अधिकतर लोग ठेकों को खरीदने में जुटे हुए हैं। लोगों में अंग्रेजी की दुकान खरीदने की ललक ज्यादा है। जालोर व भीनमाल शहर में संचालित दुकानों को लेकर परस्पर मोल भाव हो रहे है। वहीं अच्छे मुनाफे वाली कम्पोजिट दुकानों को लेकर भी भाव तय हो रहे हैं।
अनुमानित तौर पर अभी बीस से पचास लाख रुपए तक की कीमत चल रही है। सामान्य मुनाफे वाली दुकान के भी कम से कम बीस लाख रुपए लेने की तैयारी चल रही है। ज्यादा मुनाफा वाली अंग्रेजी या कम्पोजिट दुकान के दाम पचास लाख रुपए तक आंखे गए है। कुछ दुकानदारों में यह मोलभाव हो भी चुका है तो कुछ लोग अभी बातचीत कर रहे है। चाहे जो हो, लेकिन इस तरह की सौदेबाजी में दुकानदार शराब की दुकान से हाथ भी धो सकता है।
एक नजर यहां भी:::: https://goo.gl/G1WsSo:::: jalore: आबकारी में सफल आवेदकों की बल्ले-बल्ले
कड़ी कार्रवाई की जाएगी…नियमानुसार आबकारी विभाग की और से आवंटित ठेकों का न बेचान किया जा सकता है न भागीदारी डाली जा सकती है जिनका खुला है वहीं लोग संचालित कर सकते है। खरीद फरोख्त का मामला सामने आया तो कड़ी कार्रवाई करेंगे। इसके तहत दुकान निरस्त तक की जा सकती है।
– ईश्वरसिंह चौहान, आबकारी निरीक्षक, जालोर