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नहीं नहीं इतने में तो नहीं, वे तो तीस तक देने को तैयार है

locationजालोरPublished: Mar 11, 2019 12:27:03 pm

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

शराब के ठेकों का आवंटन होने के बाद खरीद फरोख्त भी शुरू हो गई है। यह बात चौंकाने वाली पर हकीकत है। अहस्तांरणीय शराब के ठेकों को बेचकर चांदी काटने की होड़ सी मची हुई है।

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नहीं नहीं इतने में तो नहीं, वे तो तीस तक देने को तैयार है

जालोर. शराब के ठेकों का आवंटन होने के बाद खरीद फरोख्त भी शुरू हो गई है। यह बात चौंकाने वाली पर हकीकत है। अहस्तांरणीय शराब के ठेकों को बेचकर चांदी काटने की होड़ सी मची हुई है। इसमें यह खास है कि दुकानों का बेचान वे लोग ही कर रहे हैं, जो इस धंधे में नए है और आवेदन इसीलिए भरा था कि दुकान आवंटित होगी तो लाखों रुपए कीमत मिल जाएगी। शराब का धंधा करने वाले ठेकेदार इन लोगों से किसी भी कीमत पर दुकान खरीद रहे है, ताकि उनका धंधा बदस्तूर चलता रहे। वैसे यह खरीद फरोख्त नियमों के तहत तो नहीं है, लेकिन कीमतें आसमां छू रही है। अनुमानित तौर पर ठेकों की कीमत बीस से पचास लाख तक मानी गई है। जितने ज्यादा लाभ वाली दुकान होगी उतनी ही उसकी कीमत मानी जा रही है। इन दिनों जिन लोगों के ठेके खुले है पुराने ठेकेदार उनसे सम्पर्क कर खरीद फरोख्त की बातें कर रहे हैं। मांग बढ़ने से दुकानदार भी ज्यादा कीमत बताते हुए सौदा तय करने में जुटे हुए हैं।
निरस्त हो सकता है ठेका
शराब के ठेकों को बेचना या खरीदना नियमों के तहत गलत है। नियमानुसार जिस आवेदक को ठेका आवंटित होता है वहीं इसका संचालन कर सकता है। किसी दूसरे को हस्तांतरित करने पर ठेका निरस्त करने की कार्रवाई भी हो सकती है।

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हो रहे परस्पर मोलभाव
बताया जा रहा है कि इन दिनों अधिकतर लोग ठेकों को खरीदने में जुटे हुए हैं। लोगों में अंग्रेजी की दुकान खरीदने की ललक ज्यादा है। जालोर व भीनमाल शहर में संचालित दुकानों को लेकर परस्पर मोल भाव हो रहे है। वहीं अच्छे मुनाफे वाली कम्पोजिट दुकानों को लेकर भी भाव तय हो रहे हैं।
सौदेबाजी में गंवा सकते हैं दुकान
अनुमानित तौर पर अभी बीस से पचास लाख रुपए तक की कीमत चल रही है। सामान्य मुनाफे वाली दुकान के भी कम से कम बीस लाख रुपए लेने की तैयारी चल रही है। ज्यादा मुनाफा वाली अंग्रेजी या कम्पोजिट दुकान के दाम पचास लाख रुपए तक आंखे गए है। कुछ दुकानदारों में यह मोलभाव हो भी चुका है तो कुछ लोग अभी बातचीत कर रहे है। चाहे जो हो, लेकिन इस तरह की सौदेबाजी में दुकानदार शराब की दुकान से हाथ भी धो सकता है।

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कड़ी कार्रवाई की जाएगी…
नियमानुसार आबकारी विभाग की और से आवंटित ठेकों का न बेचान किया जा सकता है न भागीदारी डाली जा सकती है जिनका खुला है वहीं लोग संचालित कर सकते है। खरीद फरोख्त का मामला सामने आया तो कड़ी कार्रवाई करेंगे। इसके तहत दुकान निरस्त तक की जा सकती है।
– ईश्वरसिंह चौहान, आबकारी निरीक्षक, जालोर
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