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सरकारी खजाने में जाना था टैक्स, ठेकेदार भर रहे तिजोरी

locationजालोरPublished: Mar 12, 2019 07:49:52 pm

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

जो टैक्स सरकारी खजाने में जमा होना था वह ठेकेदारों की तिजोरी में जा रहा है। चौंकना लाजिमी पर हकीकत यही है। परिवहन विभाग की नाक के नीचे ही टैक्स चोरी किया जा रहा है।

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सरकारी खजाने में जाना था टैक्स, ठेकेदार भर रहे तिजोरी

जालोर. जो टैक्स सरकारी खजाने में जमा होना था वह ठेकेदारों की तिजोरी में जा रहा है। चौंकना लाजिमी पर हकीकत यही है। परिवहन विभाग की नाक के नीचे ही टैक्स चोरी किया जा रहा है। हालांकि वित्तीय वर्ष अंतिम चरण में होने से राजस्व वसूली के प्रयास भी तेज हो गए हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में न तो पकड़ाई हो रही है और न राजस्व अर्जित हो रहा है। बड़े निर्माण कार्यों में लगे वाहनों का जायजा लिया जाए तो इस तरह के कई मामले सामने आ सकते हैं, जिनमें टैक्स चोरी किया जा रहा है। कई जगह बिना टैक्स जमा करवाए ही वाहनों को निर्माण कार्यों में उपयोग किया जा रहा है। इस कार्य से ठेकेदार की जेब गर्म हो रही है, लेकिन राजकोष को सीधे तौर पर चूना लगाया जा रहा है। ठेकेदार अपनी कमाई के चक्कर में टैक्स चोरी करने से बाज नहीं आ रहे, लेकिन मॉनिटरिंग रखने वाला महकमा भी सचेत नहीं है। हालांकि कभी-कभार कार्रवाई करते हुए वाहन जरूर पकड़े लिए जाते हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने से ठेकेदारों को शह मिल रही है। बड़े सरकारी निर्माण कार्यों में उपयोग हो रहे वाहनों की गंभीरता से जांच की जाए तो इस तरह के कई मामले पकड़ में आ सकते हैं। इससे न केवल टैक्स चोरी करने वाले वाहन मालिकों पर अंकुश लगेगा वरन् राजकोष में भी फायदा हो सकता है।

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नियमों में पांच गुना जुर्माना
अन्य राज्यों से लाई जाने वाली मशीनरी के लिए वन टाइम टैक्स जमा करना होता है। इससे वह मशीनरी पूरे माह राज्य में चल सकती है, लेकिन बिना टैक्स चुकाए सीमा से अंदर घुसने के बाद यदि पकड़ में आती है तो टैक्स के साथ ही पांच गुना तक जुर्माना तक वसूलने का प्रावधान है।
मोटा मुनाफा कमा रहे ठेकेदार
निर्माण कार्यों में लगने वाली मशीनरी ज्यादा होने से टैक्स भी ज्यादा बनता है। टैक्स बचाने के लिए वाहन मालिक इनको चोरी-छिपे ही कार्य स्थल तक लाते हैं। जांच नहीं होने से विभाग की नजरों से बचे रहते हैं। कुछ माह का काम खत्म कर मशीनरी वापस लौट जाती है। बड़े कार्यों में ठेकेदार मोटा मुनाफा कमाते हैं, लेकिन राजकोष में कुछ नहीं मिलता।
चौकियों पर ले-देकर सीमा पार
अधिकतर वाहन गुजरात से जालोर लाए जा रहे हैं, लेकिन इतनी दूरी से बगैर टैक्स के वाहन आना और कई माह तक उपयोग होकर वापस लौट जाने के पीछे योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाता है। गुजरात सीमा पर संचालित परिवहन विभाग की चौकियों को धत्ता बताते हुए वाहन चालक इन वाहनों को यहां ले जाते हैं। कई बार ग्रामीण मार्गों से भी वाहन सीमा पार करते हैं। माना जा रहा है कि सीमा चौकियों पर अक्सर कुछ ले-देकर वाहन पार हो जाते हैं।

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आहोर में जब्त किए दस वाहन, चार लाख वसूले
जालोर. परिवहन विभाग ने आहोर में दस वाहन जब्त कर करीब चार लाख रुपए का टैक्स वसूल किया। इनमें से कुछ वाहन बगैर टैक्स जमा कराए ही गुजरात से लाकर यहां चलाए जा रहे थे। ये सभी वाहन आहोर-सांडेराव राजमार्ग निर्माण कार्य में उपयोग लिए जा रहे थे।
जिला परिवहन अधिकारी प्रेमराज खन्ना ने बताया कि विभागीय टीम ने कार्रवाई करते हुए वाहनों की जांच की। दस्तावेज जांचने पर चला कि इनका टैक्स बकाया है। दो वाहनों को बगैर टैक्स के ही कई दिनों से चलाया जा रहा था। ऐसे में इन सभी वाहनों को जब्त कर लिया गया। इसके बाद करीब चार लाख रुपए टैक्स व जुर्माना जमा करवाया गया। कार्रवाई पाली से आई विभागीय टीम के नेतृत्व में की गई।
गंभीरता दिखाते तो पहले ही पकड़े जाते
ऐसा नहीं है कि इस तरह का यह पहला मामला है। गत जनवरी माह में बागरा रेलवे ओवरब्रिज निर्माण कार्य में बिना टैक्स जमा किए चल रही एक मिक्सर मशीन पकड़ में आ चुकी है। परिवहन विभाग की नजर में आई तो टैक्स व जुर्माना वसूला गया। इस तरह के अन्य वाहन भी बदस्तूर चल रहे होने का अंदेशा है, लेकिन विभागीय स्तर पर गंभीरता से जांच नहीं की जा रही। जनवरी माह के बाद भी ऐसी कार्रवाई की जाती तो आहोर में पकड़े ये दस वाहन पहले ही पकड़ में आ जाते।
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