उपराष्ट्रपति ने किया ग्रंथ का विमोचन
भीनमाल. भागलभीम के श्री वैदिक स्वस्ति पन्था न्यास व वेद विज्ञान मंदिर के संस्थापक आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक के ग्रन्थ वेदविज्ञान आलोक (एतरेय ब्राह्मण की वैज्ञानिक व्याख्या) का नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने विमोचन किया। इस मौके उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा की स्वतंत्रता के बाद वेद पर अनुसंधान का कार्य होना चाहिए था, जो नहीं हुआ। उन्होंने आर्य समाज की सेवाओं को स्मरण करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता में आर्य समाज ने क्रांतिकारी भूमिका निभाई। आचार्य नैष्ठिक ने बताया कि ग्रंथ वेदीय ऐतरेय ब्राह्मण का वैज्ञानिक भाष्य है। यह ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के वैदिक सिद्धान्त को प्रस्तुत करता है। उन्होनें बताया कि यह ग्रन्थ 28 00 पृष्ठ में कुल चार भागों में प्रकाशित है। इस प्रकार का वैज्ञानिक भाष्य विश्व में प्रथम बार किया गया है। आचार्य नैष्ठिक ने उपराष्ट्रपति को बताया कि यह ग्रन्थ आधुनिक भौतिकी को एक नई क्रांतिकारी दिशा देगा। इस मौके ग्रन्थ के संपादक शिष्य विशाल आर्य, अभिषेक आर्य निंबावास, सुरेशचंद्र आर्य, किशनलाल गहलोत, जयसिंह गहलोत, प्रकाश देवी, बलबीरसिंह मलिक, सतीश कौशिक मौजूद थे।