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कश्मीरी युवाओं को इंटरनेट की दुनिया में ले जाती है यह स्पेशल ट्रेन

Internet In Jammu Kashmir: अनुच्छेद 370 (Article 370) को बेअसर किए जाने के बाद से ही कश्मीर में इंटरनेट सेवा (Jammu And Kashmir Situation) बंद है। किसी तरह की अफवाह की आग में घाटी ना झुलसे इसलिए सुरक्षा (Jammu And Kashmir News) के लिहाज से (Jammu Kashmir News) प्रशासन इसे जरूरी मानता है, लेकिन...

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कश्मीरी युवाओं को इंटरनेट की दुनिया में ले जाती है यह स्पेशल ट्रेन

कश्मीरी युवाओं को इंटरनेट की दुनिया में ले जाती है यह स्पेशल ट्रेन

(श्रीनगर): अनुच्छेद 370 को बेअसर किए जाने के बाद से ही कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद है। किसी तरह की अफवाह की आग में घाटी ना झुलसे इसलिए सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन इसे जरूरी मानता है। डिजिटल क्रांति की दुनिया में नेटबंदी से हर किसी को मुख्यत: युवाओं को परेशानी हो रही है। पर सुरक्षा से बड़ी कोई चीज नहीं है यह ध्यान में रखते हुए कश्मीरी आवाम इसे सहजता से स्वीकार कर रही है। लेकिन हमे दुनिया के बराबर भी चलना है। इसके लिए कश्मीर के युवओं और व्यापारियों ने एक नया तरीका आजमाया है। एक ट्रेन जो इन्हें इंटरनेट की दुनिया में ले जा रही है और यह सभी अपने जरूरी कामों को निपटाकर खुशी—खुशी घर लौट रहे हैं।

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पैसे देकर चलाते है इंटरनेट...

बारामूला से जम्मू संभाग के बनिहाल जाने वाली ट्रेन जिसे आजकल 'इंटरनेट एक्सप्रेस' कहा जाने लगा है, कश्मीरी युवाओं से लबालब दिखाई देती है। बारामूला के स्टेशन पर सुबह से ही बड़ी संख्या में युवा ट्रेन का इंतजार करते रहते है। ट्रेन में सवार होकर मात्र 30 रुपए के टिकट से सभी लोग इंटरनेट जोन में पहुंचते है। चूंकि बनिहाल जम्मू संभाग में पड़ता है, इसलिए वहां इंटरनेट की ब्रॉडबैंड सेवाएं काम कर रही हैं। यहां 12 दुकानें 350 रुपए प्रति घंटे की कीमत पर इंटरनेट सेवाएं प्रदान करती हैं।


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शहर में रहती है भीड़

बनिहाल शहर भी छात्रों और अन्य पेशेवरों की भीड़ से व्यस्त है। लोग इंटरनेट का उपयोग करने के लिए कतारों में अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं। पहली ट्रेन के आने के साथ सुबह 10 बजे लोगों की भीड़ आती है और आखिरी ट्रेन श्रीनगर से रवाना होने पर दोपहर 3 बजे से भीड़ कम होने लगती है।

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क्या कहते छात्र...

कश्मीर के एक छात्र आमिर अहमद ने कहा कि इंटरनेट एक्सप्रेस में उनका अनुभव बहुत अच्छा रहा। नीट का फॉर्म जमा करने के लिए उन्हें यहां आना पड़ा। अहमद ने कहा कि सरकार ने कश्मीर में कुछ इंटरनेट सुविधा केंद्र स्थापित किए हैं, लेकिन वे बड़ी संख्या में आ रहे छात्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए डेढ़ घंटे में 160 किलोमीटर की दूरी तय कर यहां आए। पर खुशी इस बात की है कि काम हो गया। व्यापारी बकाया टैक्स जमा करने के लिए ऐसा कर रहे है।


व्यापारियों का क्या कहना है...

श्रीनगर के एक व्यापारी सज्जाद अहमद ने कहा कि सरकार ने हमें दिसंबर के अंत से पहले करों का भुगतान करने के लिए एक समय सीमा दी है। कश्मीर में, हम पिछले चार महीनों से अपने करों को जमा करने में असमर्थ हैं। अब सरकारी कार्रवाई से बचने के लिए, हम कर का भुगतान करने के लिए बनिहाल की यात्रा कर रहे हैं।

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