
DGP का बड़ा खुलासा, नेट प्रतिबंध के बाद भी पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में हैं आतंकी, अपना रहे विशेष तकनीक
(जम्मू): जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाकर आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने की कोशिश में लगे प्रशासन को बड़ा झटका लगा जब इस बात का खुलासा हुआ कि आतंकी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल कर अपना हित साध रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस बात का खुलासा किया कि कश्मीर में आतंकी वीपीएन का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में जम्मू के नगरोटा में हुई मुठभेड़ में ट्रक चालक ने पहले मुठभेड़ की तस्वीर क्लिक की और इसे सबूत के तौर पर पाकिस्तान भेजकर खुद के पकड़े जाने की सूचना दी। उन्होंने बताया कि आतंकियों के साथ गिरफ्तार ट्रक ड्राईवर से पूछताछ में इस राज से पर्दा उठा।
उल्लेखनीय है कि गत शुक्रवार को पुलिस ने जम्मू के बाहरी इलाके नगरोटा में तीन आतंकियों को मार गिराया था। जिस ट्रक से आतंकी जा रहे थे उसके चालक को गिरफ्तार किया गया था। ट्रक चालक समीर डार पुलवामा के फिदायीन हमलावर आदिल डार का चचेरा भाई है।
दरअसल जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बेअसर किए जाने के बाद से ही एहतियात के तौर पर इंटरनेट बंद कर दिया गया था। बीते दिनों प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद 2जी सेवा को बहाल किया गया। हालांकि सोशल मीडिया पर पूर्णत: प्रतिबंध है। इसी बीच बीच अपने आकाओं से संपर्क में रहने के लिए आतंकी वीपीएन का इस्तमाल कर रहे है। वीपीएन इनस्टॉल करने के बाद सोशल मीडिया आसानी से चल रही है। इधर डीजीपी ने बताया कि इस साल अब तक 20 आतंकी मारे जा चुके हैं।
क्या है वीपीएन (Virtual Private Network) ...
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क इंटरनेट पर सुरक्षित कनेक्शन बनाने के काम में आता है। यह समान्य तौर पर कम्प्युटर, फोन और टेबलेट को दूसरे किसी सिस्टम से जोड़कर इंटरनेट चलाने में मदद करता है। यह आपके कनेक्शन को और उसकी ब्राउजिंग गतिविधि को सुरक्षित रखता है। यह जरूरी रूप से बिसनेस नेटवर्क को इंटरनेट पर सुरक्षित रूप से जोड़ने के लिए बनाए गए थे। लेकिन इसके दुरुपयोग के मामले भी सामने आने लगे है।
Published on:
05 Feb 2020 07:34 pm
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