
घाटी में फिल्म 'शिकारा' चलने में अड़चन, रोकने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर
(जम्मू): कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की दर्दभरी कहानी पर आधारित फिल्म शिकारा को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। फिल्म पर रोक लगाने के लिए कश्मीर निवासी माजिद हैदरी, इफ्तिखार मिसगर और एडवोकेट इरफान हाफिज लोन की ओर से जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है।
यह है याची का तर्क...
याची का कहना है कि शिकारा फिल्म में स्थानीय कश्मीरी मुस्लिम समुदाय की छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया गया है। इससे स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। उन्होंने यह दावा भी किया कि जिस तरीके से फिल्म में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी मुस्लिमों को दिखाया गया है, उससे पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
दरअसल विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा कश्मीर से पलायन करने को मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों पर आधारित है। परंतु फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद फिल्म का विरोध शुरू हो गया। यही नहीं फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे आदिल खान और सादिया भी विवादों के घेरे में आ गए हैं।
चलाया था कैंपेन...
बता दें कि कश्मीरी पंडितों के निर्वासन दिवस 19 जनवरी को शिकारा के मश्हूर डॉयलाग 'हम आएंगे अपने वतन और यही पर दिल लगाएंगे, यही मरेंगे और यही के पानी में हमारी राख बहाई जाएगी' के साथ दूनियाभर के कश्मीरी पंडितों ने सोशल मीडिया पर एक कैंपेन शुरू किया था। यह फिल्म 7 फरवरी को रिलीज होने वाली है।
Published on:
04 Feb 2020 09:01 pm
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