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इस बात को लेकर बाप-बेटे ने मिलकर कर दी प्रौढ़ की हत्या, मामला पहुंचा थाना, अब खानी पड़ेगी जेल की हवा

उधार की रकम को 20 प्रतिशत ब्याज के साथ देने की बात को लेकर प्रौढ़ की हत्या (Murder) करने वाले आरोपी बेटे को न्यायाधीश ने जहां आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं हत्या (Murder) में प्रयास में आरोपी पिता को 10 साल कैद की दंड से दंडित किया। घटना नौ महीने पहले जांजगीर थानांतर्गत भगत चौक पुरानी बस्ती जांजगीर की है।

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इस बात को लेकर बाप-बेटे ने मिलकर कर दी प्रौढ़ की हत्या, मामला पहुंचा थाना, अब खानी पड़ेगी जेल की हवा

इस बात को लेकर बाप-बेटे ने मिलकर कर दी प्रौढ़ की हत्या, मामला पहुंचा थाना, अब खानी पड़ेगी जेल की हवा

जांजगीर-चांपा. थाना प्रभारी कौशिल्या साहू को 24 सितंबर 2018 को भगत चौक पुरानी बस्ती जांजगीर में हत्या (Murder) की जानकारी और घायल को अस्पताल ले जाने की सूचना मिली। थाना प्रभारी रात करीब 11 बजे जिला अस्पताल पहुंची जहां प्रदीप बरेठ ने पुलिस को बताया कि उसके ससुर विष्णु प्रसाद 70 का मकान भगत चौक पुरानी बस्ती में है। उसके ससुर ने मोहल्ले के लिए निरंजन राठौर पिता स्व. कलीराम राठौर और प्रमोद रात्रे पिता निरंजन राठौर से दो-तीन साल पहले कुछ रकम उधार में ली थी जिसे वापस करने के बाद भी प्रमोद राठौर अधिक रकम की मांग कर विवाद करता था।

29 सितंबर की रात 9 बजे वह पूजा का सामान देने अपने ससुर के घर पहुंचा तो उसके ससुर को प्रमोद और निरंजन पैसे की लेन-देन की बात को लेकर हाथ-मुक्के से पीट रहे थे। इसी बीच प्रमोद ने चाकू निकालकर कई वार कर दिए। जिससे उसके सीने, पेट, पसली, बायं हाथ में चोटें आई और लहुलुहान हो गए। घायल ससुर को वह मोहल्ले के रविशंकर और मोहल्लेवासियों के सहयोग से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उनकी मौत हो गई।

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मामले में पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में दर्ज किया। जहां सत्र न्यायालय में गवाहों के बयान उपरांत आरोपी प्रमोद द्वारा जान से मारने की नियम से हमला करना साबित हुआ। ऐसे में जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने आरोपी प्रमोद राठौर को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए के अर्थदंड और धारा 307 एवं 449 के लिए 10-10 साल के सश्रम कारावास एवं 5000-5000 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।

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इसी तरह आरोपी निरंजन राठौर को धारा 307/34 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास और 5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। वहीं आरोपी प्रमोद द्वारा अर्थदंड की कुल राशि 30 हजार रुपए नहीं पटाए जाने पर 2 साल व 1-1 वर्ष मिलाकर कुल तीन सश्रम कारावास और आरोपी निरंजन द्वारा अर्थदंड की राशि नहीं पटाए जाने पर 1 वर्ष की सजा अलग से भुगताए जाने की सजा सुनाई। वहीं अधिरोपित अर्थदंड की राशि 34 हजार रुपए जमा होने पर मृतक विष्णु प्रसाद निर्मलकर की पत्नी बृहस्पति निर्मलकर जांजगीर को देने के आदेश दिए। प्रकरण में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजन संतोष कुमार गुप्ता ने पैरवी की।