
Chaitra Navratri 2025: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में शक्ति की उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होगी। इसी के साथ हिंदी नववर्ष का भी आगाज होगा। देवी मंदिरों में नवरात्र धुमधाम से मनाया जाएगा। ज्योति कलश जगमगाएंगे साथ ही कई धार्मिक आयोजन भी होंगे। इस साल तृतीया तिथि क्षय नहीं होने के कारण नौ दिन के बजाय 8 दिन मां की आराधना होगी। इस बार हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा आएंगी।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 को शुरू हो रही है। इस दिन घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6.23 से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक हैं। इस समय के मध्य घट स्थापना करना शुभ रहने वाला है। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री का पूजन किया जाता है।
चैत्र नवरात्रि रविवार से प्रारंभ होगा, इसके साथ ही देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश जगमगाएंगे। इस बार पूरे 8 दिनों तक अंचलवासी शक्ति की भक्ति में डूबे रहेंगे। हर साल नवरात्रि 9 दिनों तक मनाई जाती हैं, लेकिन इस साल चैत्र नवरात्रि सिर्फ 8 दिनों तक मनाई जाएगी। इसका कारण तृतीया तिथि का क्षय होने को माना गया है। हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन पड़ रही है।
ऐसे में द्वितीया तिथि के दिन ही भक्त माता ब्रम्हाचारिणी व चंद्रघंटा की पूजा करेंगे। अंचल के प्रसिद्घ मां मनकादाई मंदिर खोखरा, मां चंद्रहासिनी देवी चंद्रपुर, अन्नधरी देवी पहरिया पाठ, मां महामाया मंदिर हरदी, अष्टभुजी अड़भार, मां मनका दाई मदनपुरगढ़ व नगर स्थित देवीदाई मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश जगमगाने लगेंगे और भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। इसके लिए सभी मंदिरों में आवश्यक तैयारियां पूर्ण हो गई है।
देवी मंदिरों में घट स्थापना 30 मार्च को तथा हवन एवं महानवमीं 6 अप्रैल को होगा। मंदिरों में शनिवार को दिनभर तैयारी चलती रही। दीपों में बत्ती लगाने के बाद तेल डालकर तैयार कर लिया गया है। खोखरा में छह से सात कमरों में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाएंगे। मंदिर एवं ज्योति कलश कक्षों को आकर्षक ढंग से सजाने का काम अंतिम चरण में है।
हिन्दू नववर्ष मनाने के लिए नगर में विशेष तैयारी की जा रही है। सभी हिन्दू संगठनों के अलावा नगर के प्रबुद्वजन भी इस दिन को मनाने के लिए आतुर हैं। नव वर्ष आगमन के स्वागत के लिए आधी रात को आकर्षक आतिशबाजी की जाएगी।
चैत्र नवरात्रि की शुरूआत गुड़ी पड़वा और समापन रामनवमीं के साथ होता है। पंडितों के अनुसार चैत्र नवरात्रि को रामनवमीं के नाम से भी जाना जाता है। इस नवरात्रि में शक्ति (नवदुर्गा) के साथ शक्ति धर (भगवान राम) के पूजन का भी विधान है। देवी मंदिरों यज्ञ, हवन, दुर्गासप्तशति के पाठ होंगे। राम, हनुमान मंदिरों में रामचरित मानस का पारायण किया जाएगा।
Published on:
30 Mar 2025 12:03 pm
बड़ी खबरें
View Allजांजगीर चंपा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
