
टॉपिक ऑफ द
जांजगीर-चांपा. पत्रिका डॉट काम द्वारा आयोजित टॉपिक ऑफ द डे में उपभोक्ता फोरम के सदस्य मनरमण सिंह उपस्थित हुए। उनका मानना रहा कि उपभोक्ता हितों का संरक्षण सभी के समन्वित प्रयासों से ही संभव है। उपभोक्ता फोरम के सदस्य मनरमण सिंह ने फोरम की जानकारी देते हुए बताया कि यहां उपभोक्ताओं के साथ सेवा में कमी करने वाले मामले लिए जाते हैं, जहां कोई भी पीडि़त उपभोक्ता स्वयं वाद दायर कर सकता है।
उन्होंने बताया कि यहां सबसे जल्दी व सबसे सस्ता न्याय मिलता है। प्रक्रिया भी कोई जटिल नहीं है, बस उपभोक्ताओं को अपने हितों के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है। उनका यह भी मानना रहा कि आज भी उपभोक्ता कई मामले में स्वयं की गलती की वजह से परेशान होता है, जबकि वही उपभोक्ता खरीदे गए सामनों व ली गई सेवाओं के एवज में किए गए भुगतान की रसीद रखे तो उसे कहीं परेशानी की बात नहीं है। आम उपभोक्ता के हितों के लिए शासन द्वारा कई प्रावधान किए गए हैं।
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उन्होंने बताया कि इस दिशा में अभी भी लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। उपभोक्ता फोरम में लगने वाली फीसों के बारे में बताया कि एक लाख रुपए तक के क्लेम में कोई फीस नहीं, दो लाख तक १०० रुपए, दो से पांच लाख तक २०० रुपए, पांच से १० लाख तक ४०० रुपए तथा १० लाख से २० लाख तक ५०० रुपए का फीस लगता है।
जिला उपभोक्ता फोरम में २० लाख तक के क्लेम के मामले ही लिए जाते हैं, इससे ज्यादा के मामले राज्य उपभोक्ता फोरम में लगाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि यहां लोगों को ९० दिनों के भीतर न्याय मिलता है। इसी तरह उपभोक्ता फोरम में चल रहे मामलों में जरूरत पडऩे पर आवेदक व प्रतिवादी के बीच समझौता भी हो सकता है। इस प्रावधान के तहत भी दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए जाते हैं।
Published on:
13 May 2018 06:51 pm
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