29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

#रेलवे बाइक स्टैंड में सुविधाएं अधूरी, शुल्क लेते हैं पूरा

संबंधित स्टॉफ गोल मटोल जवाब देकर गुमराह करते हैं

2 min read
Google source verification
संबंधित स्टॉफ गोल मटोल जवाब देकर गुमराह करते हैं

संबंधित स्टॉफ गोल मटोल जवाब देकर गुमराह करते हैं

जांजगीर-चांपा. चांपा-बिलासपुर रेल खंड पर स्थित नैला रेलवे स्टेशन के पार्किंग स्टैंड का हाल बुरा है। यहां पार्किंग शुल्क पूरा वसूला जाता है। पर बात जब यात्री सुविधाओं की आती है तो संबंधित स्टॉफ गोल मटोल जवाब देकर गुमराह करते हैं। पार्किंग में ना तो पर्याप्त शेड है और ना ही किराया की सूची। जिसकी वजह से पार्किंग संचालन की पारदर्शिता व उसकी व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। संबंधित रेलवे के अधिकारी भी इस दिशा में उदासीन है।


बिलासपुर डिवीजन को राजस्व चाहिए तो पार्किंग ठेकेदार को कमाई। इस चक्कर में नैला रेलवे स्टेशन के बाहर मौजूद पार्किंग व्यवस्था भगवान भरोसे संचालित हो रही है। रेलवे द्वारा वाहनों की पार्किंग को लेकर जगह की उपलब्धता तो कर दी गई है। पर उसके रख-रखाव को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

बात चाहे पार्किंग स्टैंड के आधे अधूरे शेड निर्माण की हो या फिर किराया सूची के सार्वजनिक करने की। इन दोनों ही मामलों में नैला रेलवे स्टेशन का पार्किंग स्थल काफी पीछे है। यात्रियों को टेंडर के बढ़ी हुई हुए व नियमों का हवाला देते हुए एक मोटी रकम तो जरुत वसूली जाती है। पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नसीब नहीं है। पूरे दिन वाहन धूप, धुल में पड़े रहते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि वाहनों को कितना देर रखने पर कितना किराया वसूला जाएगा।

Read more : कंपनी को गुमराह कर केबल ऑपरेटर निजी चैनलों का कर रहा था प्रसारण

इससे संबंधित किराया सूची को भी सार्वजनिक नहीं किया गया है। जिसकी वजह से बाइक चालकों के बीच भम्र की स्थिति बनी रहती है। वहीं स्टैंड के स्टॉफ द्वारा जो राशि की मांग की जाती है। उन्हें उक्त राशि की भरपाई करने की मजबूरी का सामाा करना पड़ता है।


रसीद पर्ची के नाम पर महज खानापूर्ति
रेलवे के बाइक स्टैंड द्वारा ग्राहकों को जारी की जाने वाली रसीद पर्ची के नाम पर भी खानापूर्ति की जा रह है। यहां छपाई वाले रसीद की बजाए सादे कागज पर मुहर मार कर रसीद का औपचारिकता पूरी करने की पहल की जा रही है। जिसमें नो तो संचालक का वैट नंबर का उल्लेख है और ना ही जीएसटी नंबर का। स्टैंड के जिम्मेदारी व्यक्ति का संपर्क नंबर भी उसमें दर्शाया नहीं गया है। ऐसे में, पार्किंग की व्यवस्था पर सवाल उठना स्वभाविक है।