
जांजगीर-चांपा. शहर सहित गांव की गली कूचों में कचरे बीन कर पेट चला रहे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोडऩे सर्व शिक्षा अभियान 16 जून से अभियान चलाने की योजना बना रही है। ताकि कोई भी घुमंतु बच्चा शिक्षा से वंचित न हो। इसके लिए दिल्ली की एनजीओ टीम सर्व शिक्षा विभाग का सहयोग करेगी और बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाएगी।
खासकर अभियान के तहत ऐसे बच्चों की भी तलाश रहेगी जो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं और शिक्षा से वंचित है। इसकी तैयारी के लिए सर्व शिक्षा अभियान की टीम जुट गई है और कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है।
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गरीबी के चलते हो या और समय काल परिस्थिति के कारण, आज भी देश के 10 फीसदी बच्चे शिक्षा के मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाए हैं। वजह चाहे कुछ भी हो। कोई गरीबी के कारण पढ़ नहीं पा रहा है तो किसी के सामने दिव्यांगता बाधा आ रही। प्रदेश में कई बच्चे ऐसे भी हैं जिनके माता पिता पलायन कर गए हों और बच्चा घर में रखवाली करने की वजह से पढ़ाई नहीं कर पा रहा। कई बच्चे ऐसे भी हैं जिनके माता पिता पलायन करते वक्त बच्चों को साथ लेकर गए थे और वह शिक्षा से वंचित हो गया। ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोडऩेे के लिए दिल्ली की एनजीओ की टीम काम करेगी।
इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी कर्मचारी मार्गदर्शन उपलब्ध कराएंगे। इतना ही नहीं सर्वे के दौरान स्थानीय स्तर पर सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षक मौजूद रहेंगे। इसके लिए संयुक्त टीम 16 जून से काम करेगी। दरअसल नए शिक्षा सत्र की शुरुआत 16 जून से होना है। जिसकी तैयारी के लिए शिक्षा विभाग सहित सर्व शिक्षा अभियान भी जुट गई है।
दिव्यांग बच्चों पर होगा फोकस
सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने बताया कि अमूमन बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जो सारीरिक रूप से दिव्यांग होते हैं। दिव्यांगता के चलते उनकी पढ़ाई नहीं हो पाती। दिव्यांगता के चलते वे स्कूल की दहलीज तक नहीं पहुंच पाते। ऐसे बच्चों के लिए एनजीओ की टीम विशेष पहल करेगी। जरूरत के हिसाब से उन्हें ट्राईसाइकिल उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं जिस तरह के दिव्यांग छात्र होंगे उन्हें जरूरत के हिसाब से उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैय्या कराई जाएगी। ताकि वह किसी भी सूरत में स्कूल की दहलीज तक पहुंच सके।
तीन हजार छात्रों का टारगेट
सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने बताया कि जिले में पिछले आंकड़ों के मुताबिक तकरीबन तीन हजार छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जो समय काल परिस्थियों के चलते शिक्षा के मुख्य धारा से वंचित हैं। सबसे अधिक पलायन करने वालों के बच्चे हैं। जिनके माता पिता अपने वृद्ध रिश्तेदारों के सुपुर्द छोड़कर पेट पालने पलायन कर जाते हैं, वहीं ऐसे बच्चे गरीबी के फेर आकर कबाड़ बीनकर व भीख मांग कर अपना पेट भरते हैं। ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोडऩे पहल किया जाएगा।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत घुमंतु बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोडऩे 16 जून से अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए दिल्ली की एनजीओ की टीम भी साथ मिलकर काम करेगी। इसके लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। ताकि अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा का लाभ दिया जा सके- हरिराम जायसवाल, एपीसी, रागाशिमि.
Published on:
16 May 2018 08:09 pm
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