
पत्रिका डॉट काम द्वारा आयोजित टॉपिक ऑफ द डे
पार्षद पिं्रस शर्मा ने बताया कि शहर में सबसे ज्यादा पानी की समस्या है। पानी की समस्या दूर करने पालिका पदाधिकारियों में गंभीरता अब भी नहीं दिख रही है। पेयजल संकट के लिए ३५ करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है,
जिसे अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। इसे लेकर तीन बार टेंडर निकाला जा चुका है, लेकिन कोई प्रगति नहीं है। वहीं स्थानीय स्तर पर भी लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने पार्षदों को देर रात तक जागना पड़ रहा है। पालिका के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व अधिकारी कुंभकर्णी निद्रा में हैं।
पेयजल आपूर्ति में लगे कर्मचारियों के साथ लगातार विवाद की स्थिति बनती है, लेकिन अधिकारियों को कोई परवाह ही नहीं है। इसी तरह शहर में निर्माण कार्यों की दुर्दशा भी देखने मिल रही है। स्टेडियम बनाने के नाम पर जो खेल हाईस्कूल मैदान के साथ खेला गया है, वह सबकी निगाह में है।
अदूरदर्शिता पूर्ण निर्णय के चलते मैदान छोटा हो गया है और सुविधयुक्त स्टेडियम का निर्माण भी नहीं हो सका है। सबसे बुरा हाल तो बनाए जा रहे तरणताल का है, जहां ठेकेदार को अब तक कोई स्टीमेट उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। ठेकेदार मनमर्जीपूर्वक निर्माण करा रहा है। इसे देखने वाला भी कोई नहीं है।
यहीहाल शहर विकास के लिए निकाले गए ४ करोड़ से अधिक कार्यों के टेंडर का है, जिसमें चयनित ठेकेदारों को महीनों बाद भी ले आउट नहीं दिया गया है, जिससे कार्य ही प्रारंभ नहीं हुआ है।
इसके बाद भी पालिका के जिम्मेदार एसी कमरों में बैठकर योजना बनाने में मगन हैं। पालिका से फिर ५ करोड़ के कार्यांे का टेंडर निकालने की योजना है, लेकिन पहले के काम शुरू ही नहीं हुए हैं। इससे नए कार्यों का अंजाम सोचा जा सकता है। उन्होंने युवक कांग्रेस के कार्यों के बारे में बताया कि उनकी तैयारी आगामी चुनाव को लेकर हो रही है। आगामी महिनों में विधानसभावार प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा।
Published on:
25 Apr 2018 03:01 pm
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